ग्राम पंचायत और ग्राम विकास अधिकारियों का जोरदार प्रदर्शन, कल से बड़े आंदोलन की तैयारी
ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों का जोरदार प्रदर्शन
मांगों को लेकर आंदोलन उग्र करने की चेतावनी
सकलडीहा बीडीओ को सौंपा अपना मांगपत्र
मांगें न माने जाने पर आंदोलन उग्र करने की चेतावनी
ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली और गैर-विभागीय कार्यों के बोझ का विरोध
5 दिसंबर के बाद बड़े आंदोलन की तैयारी
चंदौली जिले के सकलडीहा ब्लॉक मुख्यालय पर गुरुवार को ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर एकजुट हुए और काली पट्टी पहनकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने ब्लॉक परिसर में अपनी आवाज बुलंद करते हुए ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) विजय कुमार सिंह को अपना मांगपत्र सौंपा और चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन को और अधिक उग्र रूप दिया जाएगा।
पांच दिन का सांकेतिक विरोध
ग्राम पंचायत एवं ग्राम विकास संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि उनका यह सांकेतिक प्रदर्शन 1 दिसंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वे पिछले कई महीनों से अपनी जायज़ मांगों को लेकर विभाग को पत्र भेज चुके हैं, लेकिन किसी भी स्तर पर ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। विभाग की इस उदासीनता से कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है।
पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि लगातार बढ़ते कार्यभार और संसाधनों की कमी के बावजूद उन पर तमाम अतिरिक्त कार्य लेने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे उनके मुख्य विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
ऑनलाइन उपस्थिति और तकनीकी चुनौती
सचिवों ने विशेष रूप से लागू की जा रही ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने इस प्रणाली को अव्यावहारिक बताते हुए कहा कि:--
- कई जगहों पर नेटवर्क की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी (नेटवर्क) की गंभीर कमी है।
- तकनीकी संसाधनों का अभाव: पर्याप्त तकनीकी संसाधनों के अभाव में यह व्यवस्था ठीक से लागू नहीं हो पा रही है।
- जरूरी कार्य होगा प्रभावित: नेटवर्क की समस्या के कारण समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती है, जिससे न सिर्फ कार्य प्रभावित होता है बल्कि कर्मचारियों को अनावश्यक रूप से परेशान भी होना पड़ता है।
गैर-विभागीय कार्यों के बोझ से आक्रोश
प्रदर्शनकारियों ने गैर-विभागीय कार्यों के बढ़ते बोझ पर भी गंभीर आपत्ति जताई। उनका कहना है कि फार्मर रजिस्ट्री, एग्रो स्टेट सर्वे, आयुष्मान कार्ड बनवाने, कायाकल्प कार्यक्रम और पराली प्रबंधन जैसे कार्य सीधे तौर पर पंचायत विभाग की परिधि से बाहर हैं, फिर भी ये सभी कार्य उन पर थोप दिए जाते हैं। इस अतिरिक्त बोझ के कारण समय पर विकास योजनाओं का निष्पादन मुश्किल हो जाता है और ग्राम विकास के मुख्य कार्यों से ध्यान हट जाता है।
आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने एक स्वर में अपनी बात रखते हुए साफ चेतावनी दी कि यदि सरकार और विभाग उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील नहीं हुए और ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सामूहिक अवकाश और तालाबंदी जैसे बड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।
संगठन ने चेतावनी दी है कि 5 दिसंबर के बाद वे पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार करते हुए ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल अपनी जायज़ मांगों को लोकतांत्रिक तरीके से मनवाना है।
ब्लॉक परिसर में हुए इस विरोध प्रदर्शन ने अधिकारियों और कर्मचारियों की गहरी नाराजगी को स्पष्ट रूप से सामने ला दिया है। इस दौरान जिला महामंत्री पवन दूबे, राम सिंह, प्रिया मौर्या, शशीकांत, संजय यादव, हवलदार यादव, बाबूलाल, संदीप गौतम, अरविंद गौतम, अमित, रजनीश, राजेश्वर पाल सहित कई ग्राम पंचायत अधिकारी मौजूद रहे।