भागवत भूषण डॉक्टर श्रवण दास सुना रहे कथा, श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह का पांचवां दिन
 

तेनुअट गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह के पांचवें दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल लीलाओं का सुखद वर्णन काशी से पधारे भागवत भूषण डॉक्टर श्रवण दास भगवदाचार्य पीठ द्वारा रोचक संगीत मय कथा से भक्तों को भाव विभोर कर दिया।
 

भगवान श्री कृष्ण के बाल लीलाओं का सुखद वर्णन

भक्तों को सुख देने के लिए आते हैं भगवान

दुष्टों के विनाश के लिए ही होता है भगवान का अवतार 

 

चंदौली जनपद के सकलडीहा क्षेत्र के तेनुअट गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह के पांचवें दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल लीलाओं का सुखद वर्णन काशी से पधारे भागवत भूषण डॉक्टर श्रवण दास भगवदाचार्य पीठ द्वारा रोचक संगीत मय कथा से भक्तों को भाव विभोर कर दिया।

भागवत भूषण जी ने अपने कथा के पांचवें दिन श्रोताओं को सुनते हुए कहा कि भगवान का अवतरण जहां भक्तों को  सुख देने के लिए हुआ है वहीं दोस्तों के उद्धार एवं संघार के लिए भी हुआ है।पांचवें दिन की कथा में बाल लीला के दौरान कई असुरों के उद्धार की कथा के साथ गोपी गीत के द्वारा श्रोताओ को झूमने को मजबूर हो गए।

 गोपी गीत के महत्व को बताते हुए महाराज जी ने कहा कि मानव जीवन के दुखों को दूर करने के लिए गोपी गीत सर्वश्रेष्ठ साधन है। गोपी गीत में मानवीय मूल्यों का चिंतन व सभी जीवों का सम्यक दर्शन है। आज भी जो भी पुरुष या स्त्री गोपी प्रसंग पर दृष्टिपात करें तो उसके जीवन में सुखों की अनुभूत होगी। 

भागवत ज्ञान सप्ताह यज्ञ का आयोजन टेनुअट गांव के संत सुनील मिश्रा जी के यहां 1 फरवरी से 7 फरवरी तक आयोजित हो रही है। काशी से पधारे हुए आचार्यों द्वारा पूजन पाठ के साथ साय काल पांच से 9:00 बजे तक संगीत मय कथा हो रही है।

पूजन कराने वाले आचार्यों में राम रतन तिवारी, नितिन तिवारी, उज्जवल पांडे तथा संगीत में महाराज जी का साथ देने वालों में हारमोनियम पर कमलेश चौबे, तबले पर मनोज मिश्रा, पैड पर अजय दुबे तथा ऑर्गन पर अजीत सिंह शामिल है।