चहनिया को बाहुबलियों की गुंडागर्दी से बचाने की गुहार, बोले- इसलिए सुशील सिंह बौखला गए हैं
ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी का झगड़ा होगा तेज
शुरू हुयी फंसने व फंसाने की राजनीति
उपेंद्र सिंह गुड्डू बोले- इसलिए सुशील सिंह बना रहे हैं दबाव
चंदौली जिले के चहनिया विकासखंड में ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी का झगड़ा अब और खुलकर सामने आने लगा है। मौजूदा ब्लॉक प्रमुख अरुण कुमार जायसवाल के खिलाफ बीडीसी सदस्यों द्वारा जिलाधिकारी को दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं होने के बाद एक बार फिर जब कुछ बीडीसी नाराज होते दिखे हैं, तो इसके पीछे सूत्रधार बता करके चहनिया विकासखंड के पूर्व ब्लाक प्रमुख पति उपेंद्र सिंह गुड्डू के खिलाफ अपहरण, धमकी और अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की जानकारी सामने आई है।
चंदौली समाचार के साथ खास बातचीत में उपेंद्र सिंह गुड्डू ने कहा कि यह पूरा नाटक सैयदराजा के विधायक सुशील सिंह के द्वारा रचा गया है और उन्हीं के इशारे पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। उपेंद्र सिंह गुड्डू ने खुले तौर से कहा कि सैयदराजा विधायक सुशील सिंह नहीं चाहते कि कोई और व्यक्ति चंदौली की राजनीति में उभर सके। हर उभरने वाले व्यक्ति से सुशील सिंह को खतरा महसूस होने लगता है। इसीलिए जो भी व्यक्ति अपना राजनीतिक व सामाजिक दायरा बढ़ाता है तो उससे उनको खतरा दिखाई देने लगता है। वे उसके खिलाफ ऐसी ही साजिश करते हैं।
उपेन्द्र सिंह गुड्डू ने कहा कि कोई भी व्यक्ति मौजूद ब्लॉक प्रमुख और सुशील सिंह विधायक की ऐसी हरकत के खिलाफ चहनिया में किसी भी व्यक्ति से पूछ सकता है। सच्चाई सबके सामने आ जाएगी कि वहां के ब्लॉक में कैसा खेल चल रहा है। सुशील सिंह सारे ब्लॉक अपनी मनमर्जी से चलवा रहे हैं, लेकिन चहनिया में उनकी दाल नहीं गल रही है। इसीलिए यह किया जा रहा है।
उपेन्द्र सिंह गुड्डू ने कहा कि लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सत्ता पक्ष के विधायक के दबाव में काम कर रहा है। इसीलिए राजनीतिक बदले की भावना से यह मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें कोई गवाह नहीं मिला तो सुशील सिंह ने अपने आदमियों को गवाह बनवा दिया है।
नहीं बनने देंगे लूट का अड्डा
उपेंद्र सिंह गुड्डू ने कहा कि वह चहनिया विकासखंड को लूट का अड्डा नहीं बनने देंगे और इसके लिए उन्होंने मीडिया से सहयोग मांगा है और कहां है कि वह अपनी बात जोर-जोर से उठाएंगे। जहां तक दर्ज कराए गए मुकदमे की बात है और उसमें नामजद किए गए पांच अन्य लोगों की जानकारी पूरी तरह से फर्जी और निराधार है। हम पांच लोग एक साथ कभी भी कहीं पर भी नहीं गए हैं। ऐसे में यह मुकदमा कहीं नहीं टिकता है, जिसकी पुष्टि खुद मुकदमा लिखने वाले बलुआ थाने प्रभारी भी कर चुके हैं।
विधायक बोले- हाइलाइट होने की कोशिश
वहीं विधायक सुशील सिंह सारे मामले से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं और कह रहे हैं योगी बाबा की सरकार में अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है तो वह उनका नाम लेकर हाइलाइट होने की कोशिश कर रहे हैं। यदि वे पूरी तरह से सही हैं तो वे पुलिस व कोर्ट में जाकर अपना पक्ष रखें और दूसरे का नाम लेकर उसको बदनाम करने की कोशिश न करें।