कॉलोनी में जलभराव से बढ़ी मुसीबत, लोग घरों में कैद होने को मजबूर
सीवर ओवरफ्लो से गली बनी तालाब
निकलना हुआ मुश्किल
स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत
जलभराव से 50 से अधिक घरों की दिनचर्या प्रभावित
नगर पंचायत पर लापरवाही का आरोप
चंदौली जिले के नगर पंचायत सैयदराजा के वार्ड नंबर चार दीनदयाल नगर में जलनिकासी की अव्यवस्था ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। पुराने ब्लॉक कार्यालय के पीछे स्थित कॉलोनी की सड़कों पर सीवर और घरों से निकलने वाला गंदा पानी भरा हुआ है, जिससे स्थानीय निवासियों को घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। स्थिति इतनी विकट हो चुकी है कि बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को रोजाना भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि यह समस्या कोई नई नहीं है, बल्कि वर्षों से चली आ रही है। नगर पंचायत द्वारा लाखों रुपये खर्च कर नाली और सार्वजनिक शौचालय का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन पानी निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई। नतीजतन, नाली का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर फैल रहा है और शौचालय पर ताला लटका हुआ है।
बताते चलें कि प्रभावित मार्ग पुराने जीटी रोड से होकर ब्लॉक कार्यालय और पशु चिकित्सालय परिसर के बीच से गुजरता है, जहां से हर दिन बड़ी संख्या में लोग आवागमन करते हैं। जलभराव की वजह से न केवल आने-जाने वालों को रास्ता बदलना पड़ रहा है, बल्कि कॉलोनी के 50 से अधिक घरों के लोगों की दिनचर्या भी बाधित हो चुकी है।
बता दें कि नगर पंचायत की ओर से फिलहाल टैंकर मशीन से पानी की निकासी की जा रही है, लेकिन यह केवल अस्थायी राहत दे पा रही है। कुछ ही घंटों में स्थिति फिर से वैसी की वैसी हो जाती है। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की, मगर ठोस समाधान आज तक नहीं मिल पाया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं:
- वीरेंद्र: नाली तो बना दी गई लेकिन पानी जाएगा कहां, इसका कोई उपाय नहीं किया गया।
- हनुमान: शौचालय में ताला लगा है, क्योंकि जलनिकासी नहीं होने से वह भी बेकार हो गया है।
- प्रकाश: रास्ता ऊंचा और नाली की निकासी तय नहीं हुई तो यह समस्या ऐसे ही बनी रहेगी।
- राधेश्याम: बरसात खत्म हो जाए तो भी ये समस्या तब तक बनी रहेगी जब तक जलनिकासी की ठोस योजना नहीं बनती।
- आनंद: नाली निर्माण पर लाखों खर्च हुए, मगर फायदा शून्य है।
स्थानीय जनता अब प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग कर रही है। लोगों का कहना है कि जब तक जलनिकासी की उचित योजना नहीं बनाई जाती, तब तक यह समस्या साल-दर-साल दोहराई जाती रहेगी।