381 सकलडीहा विधानसभा : ये हैं कांग्रेस पार्टी के सबसे मजबूत दावेदार, टिकट व जीत का दावा
 

चंदौली जिला कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र प्रताप सिंह मुन्ना अबकी बार सकलडीहा विधानसभा सीट से न सिर्फ टिकट की दावेदारी कर रहे हैं
 

सकलडीहा विधानसभा

कांग्रेस को जीत दिलाने का दावा कर रहे हैं देवेन्द्र प्रताप सिंह मुन्ना

सपा विधायक के बारे में कुछ ऐसा बोले नेता जी

 

चंदौली जिला कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र प्रताप सिंह मुन्ना अबकी बार सकलडीहा विधानसभा सीट से न सिर्फ टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, बल्कि जीत का दावा कर रहे हैं। जानिए क्यों व कैसे कांग्रेस का जनाधार बढ़ा रही हैं प्रियंका गांधी और कैसे मिलेगी कांग्रेस पार्टी को जीत। 

देवेन्द्र प्रताप सिंह मुन्ना ने चंदौली समाचार से खास बातचीत की और अपनी दावेदारी कुछ इस तरह पेश की....


 
इसलिए सकलडीहा में होगी जीत

सकलडीहा मेरी जन्मभूमि और कर्म भूमि है। मैं यहां सकलडीहा पीजी कॉलेज का छात्रसंघ अध्यक्ष रहा। मेरी पत्नी जिला पंचायत सदस्य रहीं। मैं विगत 23-24 वर्षों से राजीनीति में सक्रिय रहा हूं। विधानसभा के प्रत्येक घर और प्रत्येक व्यक्ति को जानता और पहचानता हूं। लोगों की जांच और परख पर खरा उतरकर सब के दुःख-सुख का साथी होने के नाते यह भरोसा है कि अबकी बार कांग्रेस पार्टी के मजबूत दावेदार के रूप में मैदान में आउंगा।  उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी प्रियंका के कारण कांग्रेस के सभी संगठन बहुत मजबूत हुए हैं, जिसके कारण इस बार कांग्रेसी जीत निश्चित है। 


कैसे मजबूत हो रही है कांग्रेस

उत्तर प्रदेश में 32 वर्षों से कांग्रेस की सरकार नहीं है। इन 32 वर्षों में सपा, बसपा, भाजपा ने अपनी सरकार बनाई, लेकिन चंदौली का विकास का कार्य जो भी हुआ था, वह कांग्रेस की सरकार में पंडित कमलापति त्रिपाठी जी के द्वारा किया गया था। इसलिए यहां की जनता के अंदर कांग्रेस है। इसीलिए जिले में कांग्रेस अभी भी मजबूत है। 

धनबल और बाहुबली होगा फेल

 पूर्वांचल के कई बाहुबली और धनबल के मालिक यहां से चुनाव लड़े और जीते भी, लेकिन उनका यहां की आम जनता से कभी भी सरोकार नहीं रहा। इसलिए यहां की जनता अब इन लोगों से ऊब चुकी है और अपने को ठगा हुआ महसूस कर रही है। अब जनता धोखा नहीं खाना चाहती। 


विधायक दें 25 सालों का हिसाब 

वर्तमान विधायक 5 बार सपा से चुनाव लड़े और तीन बार जीते और दो बार हारे। विधायक जी जब हारे तो सपा की सरकार थी। 25 वर्षों से कार्य करने का जनता ने उनको मौका दिया था, लेकिन अपने इस पूरे अवसर के दौरान उन्होंने कितना विकास किया और सकलडीहा में क्या किया है..यह जनता को सही से दिखाई दे रहा है। अबकी बार जनता उनको करारा जवाब देगी।

कोई नहीं है टक्कर में 

सपा को भरपूर अवसर मिला पर जनहित के सभी मुद्दों पर वे चुप्पी साधे रहे। 5 वर्ष के कार्यकाल में साढ़े 4 वर्ष तक अपने घर में सोए रहे। बसपा भाजपा से पूरी तरह डर कर कमजोर हो चुकी है। भाजपा आजादी के बाद से चाहे वह मोदी लहर हो या राम लहर..कभी भी इस इलाके से नहीं जीती है। इसलिए सब की टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी देवेन्द्र प्रताप सिंह मुन्ना के साथ ही है।