गुजरात से आए पांच-पांच सौ एमवीए के 2 ट्रांसफॉर्मर फांक रहे धूल, कब होगा इनका उपयोग

ट्रांसफॉर्मर न लग पाने से जहां जिलों में पर्याप्त बिजली नहीं पहुंच पा रही है वहीं सरकारी धन का सदुपयोग भी नहीं हो पा रहा है। विभाग के अधिकारी तकनीकी रुकावट को इसका कारण बता रहे हैं।
 

साहूपुरी में बने नए उपकेंद्र पर गुजरात से आए थे ट्रांसफॉर्मर

लगाने के लिए नहीं बना प्लेटफॉर्म

साहब लोगों की अलग है दलील

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में प्लेटफार्म न बन पाने के कारण साहूपुरी उपकेंद्र के यार्ड में करीब दो महीने से रखा पांच सौ एमवी का ट्रांसफॉर्मर धूल फांक रहा है।

आपको बता दें कि इस ट्रांसफार्मर से चंदौली चार जिलों में बिजली आपूर्ति की जानी है। इसके लिए नया उपकेंद्र भी बनाया गया है। ट्रांसफॉर्मर न लग पाने से जहां जिलों में पर्याप्त बिजली नहीं पहुंच पा रही है वहीं सरकारी धन का सदुपयोग भी नहीं हो पा रहा है। विभाग के अधिकारी तकनीकी रुकावट को इसका कारण बता रहे हैं।

बताते चलें कि साहूपुरी स्थित विद्युत उपकेंद्र परिसर में करीब 200 करोड़ की लागत से गैस आधारित बिजली घर बन गया है। उपकेंद्र पर 500-500 एमवीए के दो ट्रांसफॉर्मर लगाकर चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर और मिर्जापुर समेत चार जिलों को बिजली आपूर्ति की जानी है। इसके लिए गुजरात से पांच पांच सौ एमवी के दो ट्रांसफार्मर आए हैं जिनमें एक ट्रांसफॉर्मर लगाकर वाराणसी के भेलूपुर और साहूपुरी उपकेंद्र को बिजली दी जा रही है। वहीं गुजरात के बड़ोदरा से दूसरा ट्रांसफॉर्मर भी करीब दो माह पूर्व उपकेंद्र पर पहुंच गया है जिसे लगाने के लिए परिसर में प्लेटफॉर्म नहीं बन पाया है।

इस संबंध में निगम के अधिकारियों ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर को लगाने और उसे चार्ज करने में करीब एक महीने का समय लग जाएगा। इसके बाद चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर और मिर्जापुर जिले को बिजली आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। इससे चारों जिलों में बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या का समाधान हो जाएगा।

इस संबंध में साहूपुरी उपकेंद्र के एक्सईएन आरके उपाध्याय ने बताया कि ट्रांसफार्मर को उपयोग में ताने की कवायद जारी है। शीघ्र ही ट्रांसफार्मर बनाने वाली कंपनी से इंजीनियर के आने के बाद ट्रांसफार्मर को उनकी देखरेख में सक्रिय कर दिया जाएगा।