देखिए सांसद-विधायकजी DFCC की स्टाइल : अपना काम बनता, भाड़ में जाए जनता
 

आपको बता दें कि डीएफसीसी की लापरवाही के कारण यहां फुट ओवर ब्रिज बनाकर इस गेट को बंद किये जाने के विरोध लगभग एक साल से जारी है। इस पर बार बार विरोध किया गया तो हर बार नये तरह का आश्वासन दिया गया।
 

बिना सड़क बनाए गेट बंद करने चल दिए अफसर

सांसद का आश्वासन व बात भी रखते हैं ठेंगे पर

सीओ और एसडीएम बैरंग लौटे

 

चंदौली जिले के सैयदराजा थाना क्षेत्र के कल्याणपुर ग्राम सभा के 72B रेलवे गेट को जब बंद करने के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर के अधिकारी व कर्मचारी पहुंचे तो गांव वालों ने सड़क बनाने का वायदा पूछा, जो केन्द्रीय मंत्री व सांसद महेन्द्र नाथ पांडेय के सामने दिया गया था। तो वह इधर उधर के बहाने बनाने लगे। इतना ही नहीं चंदौली जिले के जिलाधिकारी ने लिखा पढ़ी में सड़क बनाने का कागज भी दिया है, लेकिन बिना सड़क बनाए DFCC के ठेकेदार व अधिकारी जिले के एडीएम व सीओ को लेकर मौके पर पहुंच गए और रेलवे गेट को बंद कराने की कोशिश करने लगे। जब गांव वालों ने विरोध किया तो सबको मौके से वापस आना पड़ा।

कल्याणपुर रेलवे क्रांसिंग पर कई बरसों से कई गांवों के लोगों का आना जाना है। बाजार के गेट को बंद किए जाने के बाद से बाजार के लोग भी इसी रास्ते आ जा रहे हैं।

जब डीएफसीसी द्वारा इस 72B को बंद किए जाने के लिए फोर्स व आला अधिकारियों को लेकर मौके पर रेलवे के ठेकेदार व डीएफसीसी के अफसर पहुंचे तो ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और कहा कि एक तो मनमाने तरीके से रेलवे ब्रिज को फुट ओवर ब्रिज में बदला गया और इसके बाद लोकमनपुर व भगवानपुर के रेलवे क्रासिंग तक सड़क बनाकर आने जाने का रास्ता देने की बात कही गयी। लेकिन इस काम को कराए बिन रेल के अफसर व ठेकेदार गेट बंद करने चले आए।

जब गांव वालों का विरोध हुआ तो मौके पर उपजिलाधिकारी व पुलिस क्षेत्राधिकारी ने मामले को जानना चाहा तो कागजी सच्चाई व डीएफसीसी के अफसरों का झूठ व मनमानी जानकर वह भी बैकफुट पर हो गए। इस मौके पर विधायक सुशील सिंह ने भी इन लोगों से फोन पर बात की और गांव वालों के साथ जबरदस्ती न करने की बात कही।

आपको बता दें कि डीएफसीसी की लापरवाही के कारण यहां फुट ओवर ब्रिज बनाकर इस गेट को बंद किये जाने के विरोध लगभग एक साल से जारी है। इस पर बार बार विरोध किया गया तो हर बार नये तरह का आश्वासन दिया गया। ग्रामीणों द्वारा विरोध किए जाने और कई महीनों तक काम रुकने के बाद डीएफसीसी ने इस मुद्दे को केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के सामने रखा तो ग्रामीणों एवं डीएफसीसी के बीच वार्ता हुई, जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी संजीव सिंह द्वारा डीएफसीसी को पत्र लिखकर आदेशित किया गया था कि ग्रामवासियों को भगवानपुर से लेकर लोकमनपुर तक सर्विस रोड दिया जाएगा। इसके बाद ही यह रेलवे क्रांसिंग बंद होगी। पर अधिकारी इस कार्य को पूर्ण किए बिना डीएफसीसी द्वारा पूर्ण रूप से रेलवे गेट को बंद करने के लिए आ धमके। इस पर ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर गेट बंद करने का विरोध किया तो मौके पर उप जिलाधिकारी सदर तथा क्षेत्राधिकारी सदर सहित भारी पुलिस बल को बैकफुट पर जाना पड़ा।

 ग्रामीणों ने ऐलान कर दिया है कि बिना लोकमनपुर से भगवानपुर तक सर्विस लेन बनाए रेलवे गेट को बंद नहीं करने दिया जाएगा। जब गांव वालों के आवागमन की समस्या दूर हो जाएगी तो ही डीएफसीसी को गेट बंद करने की अनुमति मिलेगी।