जिले में मनाया जा रहा है ईद-उल-अजहा, बकरीद पर नमाज व कुर्बानियों का सिलसिला जारी
 

ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अता करने के लिए लोग पूरे परिवार के साथ एकजुट होते दिखे। जनपद के अधिकांश ईदगाहों में सुबह 7:30 बजे ईद-उल-अजहा की नमाज पढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया था। 
 

ईद-उल-अजहा की नमाज के बाद हो रही कुर्बानी

जिला व पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में

चंदौली जिले में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व रविवार को अकीदत के साथ मनाया जा रहा है। जिले की सभी ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अता करने के लिए लोग पूरे परिवार के साथ एकजुट होते दिखे। जनपद के अधिकांश ईदगाहों में सुबह 7:30 बजे ईद-उल-अजहा की नमाज पढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया था। 

बताया जा रहा है कि नमाज के बाद घरों में अल्लाह की राह में बकरों की कुर्बानियां दी जाएंगी। इसके लिए लोग एक दिन पहले से ही बकरों के इंतजाम में लगे रहे। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। इससे बाजारों में काफी चहल-पहल देखने को मिली। देर रात तक बाजार गुलजार बना रहा।


इस्लामिक मान्यता के अनुसार ईद-उल-अजहा के दिन अल्लाह के हुक्म पर हजरत इब्राहिम अपने पुत्र हजरत इस्माइल की कुर्बानी अल्लाह की राह में देने जा रहे थे। लेकिन अल्लाह ने उसी समय हजरत इस्माइल की जगह एक दुम्बे को रख दिया। इससे हजरत इस्माइल को जीवनदान मिल गया। उन्हीं की याद में बकरीद का पर्व मनाया जाता है। 

बताया जाता है कि इस दिन मुस्लिम बंधु सुबह उठकर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ईदगाह व मस्जिदों में नमाज पढ़ने जाते हैं। इसके बाद घर पर बकरे की कुर्बानी देते हैं। इसमें तीन हिस्से किए जाते हैं। एक हिस्सा गरीबों के लिए होता है। वहीं एक हिस्सा अपने रिश्तेदारों व एक हिस्सा घर के लिए होता है। पर्व को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग शनिवार को पूरे दिन तैयारियों में लगे रहे। वहीं घरों में साफ-सफाई की गई। इससे मुस्लिम बहुल इलाकों में पर्व को लेकर उत्साह देखने को मिला। उधर जिला व पुलिस प्रशासन के साथ ही अधिकारियों व थाना प्रभारियों ने शांति व कानून व्यवस्था बनाने के लिए क्षेत्र में भ्रमण किया। इस दौरान सौहार्दपूर्ण वातावरण व भाईचारा बनाए रखने की अपील की।