विधायक सुशील सिंह के इलाके में बनी है घटिया सड़क, 6 महीने भी नहीं चली सड़क उखड़ गयी गिट्टी
 

सैयदराजा आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनसभा के दौरान इस सड़क का शिलान्यास किया था। इसके बाद करीब एक वर्ष में सड़क बनाकर तैयार तो कर दी गई लेकिन निर्माण के छह माह बाद ही सड़क पर जगह-जगह बिछाई गई गिट्टियां उखड़ने लगी हैं।
 

सैयदराजा विधानसभा में ठेकेदारों की चांदी

खराब सड़क बनाकर करवा लेते हैं करोड़ों का भुगतान

खामोश रहते हैं जनप्रतिनिधि व अधिकारी

 

चंदौली जिले के सैयदराजा विधानसभा में चारी से जेवरियाबाद तक जाने वाली सड़क को दो करोड़ नौ लाख 34 हजार रुपये की लागत से बनाया गया है। करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी सड़क जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। सड़क का निर्माण कार्य छह माह पूर्व ही पूरा किया गया है। विभागीय लापरवाही व ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में की गई गड़बड़ी के कारण सड़क पर बिछाई गिट्टियां उखड़ने लगी हैं। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार पर मिलीभगत कर सरकारी धन का बंदरबांट करने का आरोप लगाया है।

 नौबतपुर बरहनी मार्ग से जेवरियाबाद गांव को जोड़ने के लिए चारी-जेवरियाबाद मार्ग का निर्माण कराया गया है। सैयदराजा आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनसभा के दौरान इस सड़क का शिलान्यास किया था। इसके बाद करीब एक वर्ष में सड़क बनाकर तैयार तो कर दी गई लेकिन निर्माण के छह माह बाद ही सड़क पर जगह-जगह बिछाई गई गिट्टियां उखड़ने लगी हैं। कहा जा रहा है कि कई ठेकेदारों को जनप्रतिनिधियों का संरक्षण प्राप्त है। इसीलिए अधिकारी भी उन पर नकेल नहीं कस पाते हैं। ऐसी स्थिति में लोग विधायक सुशील सिंह से भी इस मामले में जांच करवाने की मांग कर रहे हैं।

जेवरियाबाद के ज्वाला सिंह का कहना है कि जब मार्ग पर केवल गिने चुने वाहन ही गुजर रहे हैं तो सड़क की हालत ऐसी हो गई है। अगर बड़ी तादात में वाहन गुजरते तो सड़क की हालत क्या होती। अधिकारियों को सोचने की जरूरत है।

वहीं के रहने वाले आकाश का कहना है कि सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढे अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत का उदाहरण हैं। अंशुमान का कहना कि सड़क निर्माण में बड़े पैमाने पर घालमेल किए जाने से मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। रामकेवल ने कहा कि मार्ग का निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। अगर विभागीय अधिकारियों ने ध्यान दिया होता तो ऐसी नौबत नहीं आती।

पीडब्ल्यूडी एक्सईएन डीपी सिंह ने कहा कि कार्य कराने वाले ठेकेदार को मानक के अनुसार सड़क बनाने की हिदायत दी गई थी। इसके बावजूद छह माह में सड़क का क्षतिग्रस्त हो जाना कार्य में लापरवाही दर्शाता है। इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।