तहसील की 'गद्दारी' से परेशान शिक्षक कर रहा है इच्छा मृत्यु की मांग, 26 तक का दिया समय

 शिक्षक दिवस के दिन अंकित कुमार सिंह ने कहा कि कुछ लोगों ने उनकी पैतृक सम्पत्ति पर कब्जा कर लिए हैं। वह न्याय की गुहार लगाने के लिए सीएम, डिप्टी सीएम सहित जिले के आला अफसरों के कार्यालय का चक्कर काट चुके हैं। कोई उनकी मदद के लिए तैयार नहीं है, ऐसे में वह जीना नहीं चाहते हैं।
 

इसलिए पूरे परिवार के साथ मर जाना चाहता है शिक्षक

अफसरों के चक्कर लगाकर थक चुका है पीड़ित

 ADM साहब ने दिया मदद का भरोसा

शिक्षक दिवस के दिन देशभर में शिक्षकों का सम्मान करके तमाम तरह के दावे किए जा रहे थे, तो वहीं चंदौली जिले के चकिया तहसील के रामपुर गांव के रहने वाले एक शिक्षक अंकित कुमार सिंह ने शिक्षक दिवस के दिन सोमवार को कलेक्ट्रेट में अपर जिलाधिकारी उमेश कुमार मिश्र से मुलाकात करके अपने पूरे परिवार के साथ इच्छा मृत्यु की गुहार लगायी और जिलाधिकारी को संबोधित अपना प्रार्थना पत्र सौंपा।

 शिक्षक दिवस के दिन अंकित कुमार सिंह ने कहा कि कुछ लोगों ने उनकी पैतृक सम्पत्ति पर कब्जा कर लिए हैं। वह न्याय की गुहार लगाने के लिए सीएम, डिप्टी सीएम सहित जिले के आला अफसरों के कार्यालय का चक्कर काट चुके हैं। कोई उनकी मदद के लिए तैयार नहीं है, ऐसे में वह जीना नहीं चाहते हैं।

अंकित कुमार सिंह ने कहा कि उनकी पैतृक सम्पत्ति पर कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों ने कब्जा कर लिया है। जबकि इस प्रकरण को लेकर उन्होंने जिले के तमाम अफसरों से न्याय की गुहार लगाई। अतिक्रमण करने वाले लोग काफी दबंग प्रवृत्ति के हैं। जो बार-बार धमकी दे रहे है। इससे पहले वह तहसील दिवस और डीएम से मिलकर जमीन को कब्जा मुक्त कराने की गुहार लगाया। लेकिन कोई निवारण नहीं होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद से भी मुलाकात कर चुके है। इसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
पीड़ित शिक्षक अंकित कुमार सिंह ने कहा कि मातहतों को भेजकर उक्त जमीन का वीडियो रिकार्डिंग कराते हुए भौतिक सत्यापन कराकर न्याय करिए और मदद करने की कोशिश करिए, अन्यथा आगामी 26 जनवरी को अपने परिवार के साथ वह इच्छा मृत्यु के लिए बाध्य होंगे। पीड़ित शिक्षक ने बताया कि जिला प्रशासन और चकिया तहसील के अफसरों से अब न्याय की कोई उम्मीद नहीं रह गई है। सरकारी कार्यालयों का चक्कर काट-काटकर उसके पांव अब थक गए हैं। ऐसे में आजिज होकर उसने ऐसा कदम उठाया है।

हालांकि शिक्षक की पीड़ा को सुनने के बाद एडीएम उमेश कुमार ने शिक्षक को आश्वस्त किया कि जल्द अफसरों की टीम भेजकर भूमि का सत्यापन कराएंगे और उसकी मदद की जाएगी।