संयुक्त जिला चिकित्सालय चकिया के डॉक्टर पर एक्शन, गोपनीय तरीके से हो रही है कार्रवाई

उपमुख्यमंत्री ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट कर दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासन और सुरक्षित कार्यस्थल के माहौल से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
 

चंदौली जिले में उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. ब्रजेश पाठक की कार्रवाई

अनुशासनहीनता पर अस्पताल के डॉक्टर पर गिरी गाज

महिला स्टाफ से बदसलूकी की शिकायत पर तबादला

चंदौली जिले के संयुक्त जिला चिकित्सालय, चकिया में कार्यरत एक डॉक्टर के खिलाफ गंभीर शिकायतों के बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. ब्रजेश पाठक ने सख्त कार्रवाई की है। महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ अभद्रता, मनमानी और अस्पताल में अनुशासनहीनता के आरोपों पर तत्काल संज्ञान लेते हुए उस डॉक्टर का तबादला चकिया से बलिया कर दिया गया है। इसके साथ ही, मामले की गहन विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं।

क्या है मामला?
सूत्रों के मुताबिक, इस डॉक्टर का व्यवहार लंबे समय से विवादों में था। अस्पताल के कर्मचारियों ने कई बार शिकायत की थी कि डॉक्टर महिला स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार करते थे, जिससे अस्पताल का माहौल तनावपूर्ण और भयग्रस्त हो गया था। यह मामला सीधे उपमुख्यमंत्री डॉ. ब्रजेश पाठक तक पहुंचा, जिसके बाद उन्होंने त्वरित कार्रवाई की।

उपमुख्यमंत्री ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट कर दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासन और सुरक्षित कार्यस्थल के माहौल से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की मनमानी या बदसलूकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है।

उपमुख्यमंत्री ने फेसबुक पर दी जानकारी
डॉ. ब्रजेश पाठक ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज के माध्यम से इस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संबंधित डॉक्टर को बलिया भेज दिया गया है और मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि, जिस डॉक्टर के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है, उसका नाम अभी तक गोपनीय रखा गया है, लेकिन विभागीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस पूरे मामले का खुलासा होने की उम्मीद है। इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि स्वास्थ्य विभाग में शुचिता और गरिमा बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

इस संबंध में जिला चिकित्सालय के सीएमएस रामबाबू सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। इस घटना ने एक बार फिर कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारियों की जवाबदेही के मुद्दे को उजागर किया है।