कौन करेगा मॉनिटरिंग : नौगढ़ में आंगनबाड़ी केंद्रों में लटकते रहते हैं ताले, पूरा सिस्टम भगवान के हवाले

ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री पोर्टल पर कई बार शिकायतें कीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों का कहना है कि शासन योजनाओं पर करोड़ों खर्च कर रहा है, पर जमीनी हकीकत अलग है।
 

नौगढ़ क्षेत्र में अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लटका

कार्यकर्ता घर से चला रहे केंद्रों का संचालन

बच्चों को नहीं मिल पा रहा गरमा-गरम भोजन

शासन के सख्त आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां

चंदौली जिले के नौगढ़ में विकास खंड नौगढ़ क्षेत्र में अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लटक रहे हैं। कई केंद्रों में महीनों से ताला बंद है और कार्यकर्ता घर से ही पोषण एवं गतिविधियों का संचालन दिखा रही हैं। इससे पंजीकृत बच्चों को न तो गरम भोजन मिल पा रहा है और न ही केंद्रों पर मिलने वाली अन्य सुविधाएं।

शासन की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि सभी आंगनबाड़ी केंद्र प्रतिदिन संचालित किए जाएं और कार्यकर्ता पोषण ट्रैकर ऐप पर अपनी उपस्थिति दर्ज करें। इसके बावजूद सोनभद्र सीमा से सटे और मुख्यालय से दूर स्थित अधिकांश केंद्रों का ताला नहीं खुल रहा है। कई केंद्रों में तो भूसा और गृहस्थी के सामान रख दिए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, मरवटिया, तिवारीपुर, जनकपुर, बरबसपुर, परसहवां, गंगापुर, औरवाटाड़, भैसौड़ा, बसौली, लक्ष्मणपुर, देवदत्तपुर, अमृतपुर, बोदलपुर, मजगाई, तेंदुआ, जय मोहनी भूर्तिया, पिपराही, सोनवार, गढ़वा समेत कई केंद्र शुक्रवार को बंद मिले। बरबसपुर केंद्र की स्थिति तो सबसे खराब रही, जहां केंद्र के बाहर बिखरे कूड़े-कचरे से लापरवाही साफ झलक रही थी।

ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री पोर्टल पर कई बार शिकायतें कीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों का कहना है कि शासन योजनाओं पर करोड़ों खर्च कर रहा है, पर जमीनी हकीकत अलग है।

इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर ने बताया कि पोषण ट्रैकर से छेड़छाड़ करने और केंद्र बंद रखने वाले कार्यकर्ताओं को चिह्नित किया जा रहा है। दोषी कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किए गए हैं और सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में आंगनबाड़ी केंद्र बंद नहीं रहने दिए जाएंगे।