जिंदा किसान को मृत दिखाकर हथिया ली जमीन, बोला- मैं जिंदा हूं साहब..मेरी जमीन दिलवाइए

इस फर्जीवाड़े से राजस्व विभाग के कर्मचारियों, विशेषकर लेखपाल और कानूनगो की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले पंचायत विभाग के कर्मचारियों की जांच भी शुरू हो गई है।
 

फर्जीवाड़ा करने वाले लेखपाल और कानूनगो पर होगा एक्शन

फर्जीवाड़े के खिलाफ एसडीएम ने दे दिये संकेत

निदिलपुर गांव में अनिल गिरी की जमीन पर ऐसे हो गया कब्जा

चंदौली जिले के धानापुर थाना क्षेत्र के निदिलपुर गांव में इंसाफ की उम्मीद अब फिर जगी है। यहां एक किसान को जीते जी मृत घोषित कर उसकी जमीन पर कब्जा करने की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। 55 वर्षीय किसान अनिल गिरी की 8 बिस्वा भूमि को जालसाजों ने राजस्व विभाग की मिलीभगत से हथिया लिया। हैरानी की बात यह रही कि यह सब तब हुआ जब अनिल गिरी अपने गांव में अपनी पत्नी वंदना और दो बेटों के साथ सामान्य जीवन जी रहे हैं।

खतौनी निकालने पर पता चला फर्जीवाड़ा
पूरा मामला तब सामने आया जब अनिल गिरी ने 21 फरवरी को अपनी खतौनी निकलवाई। उन्हें यह देखकर गहरा धक्का लगा कि उनकी जमीन को खाता संख्या 00204, गाटा संख्या 624 में मृतक घोषित कर उनके पट्टीदार अवधेश, ओमकार, चमेला देवी और शिव शंकर के नाम दर्ज कर दिया गया था। यह आदेश धानापुर के राजस्व निरीक्षक द्वारा कंप्यूटरीकृत आवेदन संख्या 20241419600992007810 पर जारी किया गया था।

'साहब! मैं अभी जिंदा हूं, मेरी जमीन दिलाइए...' 
इस खुलासे के बाद अनिल गिरी 'साहब! मैं अभी जिंदा हूं, मेरी जमीन दिलाइए...' जैसे पोस्टर लेकर तहसील और ब्लॉक के दफ्तरों के चक्कर काटने लगे। उन्होंने यह मामला जनसुनवाई पोर्टल पर भी दर्ज कराया, जिससे प्रशासन हरकत में आया।

लेखपाल और कानूनगो की भूमिका संदिग्ध
इस फर्जीवाड़े से राजस्व विभाग के कर्मचारियों, विशेषकर लेखपाल और कानूनगो की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले पंचायत विभाग के कर्मचारियों की जांच भी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि इस मामले में जल्द ही कुछ जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

यह मामला न केवल एक किसान की भूमि हड़पने की कोशिश का है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की पोल भी खोलता है। अब जब अनिल गिरी की शिकायत पर अधिकारियों ने संज्ञान लिया है, तो उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

सकलडीहा एसडीएम लेंगे एक्शन
मामले में सकलडीहा तहसील की किरकिरी होने के बाद निदिलपुर गांव के एक किसान को जीवित होते हुए भी सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले में प्रथम दृष्टया करी गांव के तत्कालीन लेखपाल को दोषी माना गया है।  मामले की गंभीरता को देखते हुए सकलडीहा के उपजिलाधिकारी कुंदन राज कपूर ने त्वरित संज्ञान लिया और जांच के निर्देश दिए।

एसडीएम ने बताया कि यह मामला उनके कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व का है, लेकिन फिर भी उन्होंने इसे गंभीरता से लिया है। जांच में प्रथम दृष्टया लेखपाल की गलती पाई गई है। संबंधित लेखपाल का तबादला पहले ही चकिया तहसील में किया जा चुका है।

घोर लापरवाही और प्रशासन की साख पर ठेस पहुंचाने वाली 
एसडीएम ने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही न केवल प्रशासन की साख को ठेस पहुंचाती है, बल्कि आम नागरिकों को मानसिक व आर्थिक रूप से भी प्रभावित करती है। इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेजा जा रहा है ताकि दोषी के खिलाफ उचित और कठोर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।