प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का उठाएं लाभ, ऐसे अपने गांव की बनवाएं पक्की सड़क
 

चंदौली जिले में 250 से अधिक जनसंख्या वाले गांव को 10 साल बाद पक्की सड़कों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 1000 से अधिक गांव लाभान्वित होंगे।
 

10 साल बाद फिर से आपको मिला है मौका

खुल रही है प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की बेवसाइट

 फिर से शुरू होगा गांव की सड़कों का निर्माण

ऐसे मिलेगा आपको मौका

 

चंदौली जिले में 250 से अधिक जनसंख्या वाले गांव को 10 साल बाद पक्की सड़कों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 1000 से अधिक गांव लाभान्वित होंगे। गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए पोर्टल पर जन प्रतिनिधियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। अगर कोई गांव पक्की सड़क से जुड़ने से वंचित है तो उनके लिए खास मौका है। पोर्टल पर आप अपने गांव की डिमांड रख सकते हैं।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का पोर्टल बीते वर्ष 2019 के बाद से ही बंद है। ऐसे में जिले के एक भी गांव को जोड़ने वाली नई सड़क का प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया। वर्ष 2000 से 2019 तक करीब 13795.80 लाख से 201 सड़कों का निर्माण और मरम्मत कराई गई। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2000 से 2019 तक कुल 13 हजार से 573 किलोमीटर तक की 201 सड़कों का निर्माण कराया गया। वित्त वर्ष 2002-2003, 2003 से 2012 तक कोई काम नहीं हुआ। इसके बाद एक साल काम हुआ फिर बंद हो गया और तब से लेकर आजतक पोर्टल के बंद होने के बाद से न तो कोई प्रस्ताव दिए गए और न ही इस योजना के तहत किसी सड़क का निर्माण हुआ।


जिले में वर्ष 2000 से 2019 तक कुल नौ चरणों में पहले चरण में बरहनी ब्लॉक में 89.850 किलोमीटर की 54 को अपग्रेड किया गया। दूसरे चरण में बरहनी, चकिया, सदर, सकलडीहा, नौगढ़, धानापुर, शहाबगंज और नियामताबाद विकास खंडों में कुल 19.300 किलोमीटर को 13 नई सड़कों का निर्माण किया गया। 

तीसरे चरण में बरहनी, चकिया, सदर, सकलडीहा, नौगढ़, धानापुर, शहाबगंज और नियामताबाद विकास खंडों में 61.310 किलोमीटर 37 नई सड़कों से करीब 38 गांवों को जोड़ा गया। चौथे चरण में सदर, सकलडीहा, धानापुर, शहाबगंज और नियामताबाद विकास खंडों 18.930 किलोमीटर की 11 सड़कों का निर्माण किया गया। जिससे दस गांवों को जोड़ा गया। 

पांचवें चरण के तहत 58.570 किलोमीटर की 35 सड़कों का निर्माण किया गया जिससे 44 गांवों को जोड़ा गया। छठे चरण के तहत 36 सड़कों को अपग्रेड करने किया गया। सातवें चरण के तहत छह सड़कों को अपग्रेड किया गया। आठवें चरण के तहत 17.620 किलोमीटर की सात सकड़ों का निर्माण कराया गया। जिससे नौ गांवों को जोड़ा गया। नौवें चरण में दो सड़कों को अपग्रेड करने के बाद से कोई काम नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद जिले में दिशा की बैठक में भी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पोर्टल दोबारा खोलने की बात कही गई। जन प्रतिनिधियों से प्रस्ताव मांगा गया है।


इस सम्बन्ध में सीडीओ एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि प्रस्ताव मिलने के बाद योजना के तहत नई सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। अब गांवो को सड़कों से जोड़ने के लिए एक बार फिर से प्रस्ताव मांगे गए हैं।