बाबा कीनाराम जन्मोत्सव के अंतिम दिन उमड़ी भक्तों की भीड़, जयकारों से गूंजा रामगढ़
 

सुबह से ही बाबा कीनाराम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई थीं। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, भक्तों की संख्या बढ़ती गई, जिससे वालंटियरों को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
 

बाबा कीनाराम का 426वां जन्मोत्सव समारोह

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मनमोहक समां

मेले और लंगर में उमड़ी भीड़

विचार गोष्ठी में बाबा के जीवन पर विचार-विमर्श

चंदौली जिले के रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम मठ में रविवार को 426वें जन्मोत्सव समारोह के तीसरे और अंतिम दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बाबा कीनाराम के जयकारों से पूरा रामगढ़ क्षेत्र गूंज उठा। लाखों की संख्या में श्रद्धालु दूर-दराज के क्षेत्रों से ट्रैक्टर-ट्रालियों, कारों, बाइक और पैदल चलकर बाबा के धाम पर पहुंचे। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस-प्रशासन और वालंटियरों का सहयोग प्रशंसनीय रहा।

आस्था और अनुशासन का संगम
सुबह से ही बाबा कीनाराम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई थीं। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, भक्तों की संख्या बढ़ती गई, जिससे वालंटियरों को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि, जैसे ही बाबा कीनाराम के जयकारे लगते, भीड़ अपने आप नियंत्रित हो जाती और श्रद्धालु कतार में लगकर दर्शन करते रहे।

एक तरफ जहां भक्त दर्शन के लिए कतार में लगे थे, वहीं दूसरी तरफ मेले का भी खूब आनंद ले रहे थे। मेले में लगी तरह-तरह की दुकानों पर लोग खरीदारी कर रहे थे। सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उपजिलाधिकारी कुंदन राज कपूर, क्षेत्राधिकारी स्नेहा तिवारी और बलुआ थाना इंस्पेक्टर डॉ. आशीष मिश्रा के नेतृत्व में सैकड़ों पुलिसकर्मी, महिला पुलिस और पीएसी के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात थे। उन्होंने हर श्रद्धालु से मित्रवत व्यवहार किया। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी लगातार स्थिति की जानकारी ले रहे थे।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मनमोहक समां
जन्मोत्सव के दौरान आयोजित मानस पाठ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने श्रद्धालुओं को खूब लुभाया। सुबह 9 बजे से 11 बजे तक मुन्ना पाण्डेय, महानंद त्रिपाठी, मधुसूदन मिश्रा और परमानंद ने रामायण गान प्रस्तुत किया, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। दोपहर 12 बजे के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों में खंडवारी देवी इंटर कॉलेज के बच्चों ने भजन प्रस्तुत किए। इसके अलावा, अमर ज्योति सेवा केंद्र, खड़ेहरा के दृष्टिहीन बच्चों ने भी भजन गाकर सबका मन मोह लिया।

राकेश यादव, पिंकी मिश्रा, योगेंद्र सिंह, पंकज सिंह, अंजू, चंद्रशेखर, शैलबाला, वीरेंद्र सिंह और विक्की पाण्डेय 'छोटा पागल' जैसे कलाकारों ने भक्ति गीत, लोकगीत और भजन प्रस्तुत किए। कलाकारों ने अपने गीतों के माध्यम से बाबा कीनाराम के जीवन और संदेशों को सुनाया, और बाबा जन्मोत्सव पर सोहर गीत गाकर भी सबका दिल जीत लिया। पूरा दिन दर्शक बिना हिले-डुले कार्यक्रम का आनंद लेते रहे और मन ही मन बाबा के गीतों में खोए रहे। सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन धनंजय सिंह ने किया।

मेले और लंगर में उमड़ी भीड़
तीन दिवसीय मेले में बच्चों ने झूले और चरखियों का जमकर लुत्फ उठाया। चाट-पकौड़ी और जलेबी की दुकानों पर भी खूब भीड़ देखने को मिली। मेले में विभिन्न प्रकार के खिलौने और चीनी खिलौने बच्चों के बीच खासे लोकप्रिय रहे। स्वादिष्ट मिठाइयों की दुकानें भी सजी हुई थीं। दर्शन के बाद बच्चे, बुजुर्ग, माताएं और बहनें मेले का आनंद ले रहे थे और जमकर खरीदारी कर रहे थे।

जन्मोत्सव के दौरान दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं, साधु-संतों और दर्शकों के लिए भोजन और प्रसाद का भी विशेष प्रबंध किया गया था। मुख्यमंत्री के प्रोजेक्ट से बने हॉल में एक साथ लगभग दो हजार लोग बैठकर भोजन ग्रहण कर सकते थे। इस दौरान कार्यकर्ता और वालंटियर दिन-रात अपनी ड्यूटी पर लगे रहे, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।

विचार गोष्ठी में बाबा के जीवन पर विचार-विमर्श
इस अवसर पर बाबा कीनाराम के जीवन पर एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। इसमें आनंद सिंह (चीफ ब्यूरो), हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य, प्रधान संपादक सी.एन. ओझा और आयकर अधिवक्ता गंगेश पाण्डेय (वाराणसी) जैसे वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम के सफल संचालन में प्रधान मठ व्यवस्थापक अरुण सिंह, मठ व्यवस्थापक मेजर अशोक सिंह, प्रधान आशुतोष कुमार सिंह, कुलदीप वर्मा, मिथिलेश सिंह, रितेश पाण्डेय, अभय यादव पीके, राजेंद्र पाण्डेय आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम का संचालन धनंजय सिंह और राजेंद्र पाण्डेय ने किया, और अंत में सूर्यनाथ सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। यह जन्मोत्सव न केवल भक्तों की आस्था का केंद्र बना, बल्कि एक सामाजिक सद्भाव और भक्ति के माहौल को भी बढ़ावा दिया।