अब नवजात बच्चों के अस्पताल में बनेंगे आधार कार्ड, ये है सरकार नया प्लान

अब सरकार की तैयारी है कि स्वास्थ्य केंद्रों या जन्म वाले अस्पताल में  उन्हें एक साथ दोनों प्रमाण पत्र आसानी से मिल जाएंगे। इस व्यवस्था के होने से जच्चा- बच्चा को आंगनबाड़ी, मां को पीएम मातृ वंदना योजना का लाभ लेने में सहूलियत होगी।
 

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जन्म प्रमाणपत्र के साथ अस्पताल से मिलेगा बाल आधार कार्ड

चंदौली जिले में अब जन्म लेते ही शिशुओं को उनकी पहचान मिलने लगेगी। जन्म प्रमाणपत्र के साथ ही अब उनका बाल आधार कार्ड भी बनाए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय, राजकीय महिला चिकित्सालय के अलावा नौ विकास खंड स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नवजात शिशुओं के आधार कार्ड बनाने की व्यवस्था की जा रही। इससे अब परिजनों को अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा।

अब सरकार की तैयारी है कि स्वास्थ्य केंद्रों या जन्म वाले अस्पताल में  उन्हें एक साथ दोनों प्रमाण पत्र आसानी से मिल जाएंगे। इस व्यवस्था के होने से जच्चा- बच्चा को आंगनबाड़ी, मां को पीएम मातृ वंदना योजना का लाभ लेने में सहूलियत होगी। कुटुंब रजिस्टर में बच्चे का आनलाइन नाम दर्ज कराने में भी दोनों प्रमाण पत्र काम आएंगे।

बताया जा रहा है कि जहां भी प्रसव के कार्य किए जाते हैं, वहां अब आधार कार्ड भी बनाए जाएंगे। क्योंकि अब सबकी पहचान के लिए आधार कार्ड जरूर हो गया है। बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए स्वजन को परेशान होना पड़ता है। अब उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब यहां जन्म प्रमाणपत्र के साथ बच्चों के आधार कार्ड भी बनेंगे। इसके लिए अस्पतालों को आइडी जारी कर दी गई है।

ऐसे बनेगा आधार कार्ड
माता या पिता के आधार के जरिए नवजात का आधारबद्ध जन्म पंजीकरण बनेगा। इसके लिए माता या पिता का जो मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा रहेगा, उसमें वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के माध्यम से आधारवद्ध जन्म पंजीकरण आसानी से निकाला जा सकेगा। इसके अलावा पांच वर्ष के सभी बच्चों का आधार कार्ड बनाया जा सकता है। इसके लिए बच्चे का ऑनलाइन जन्म प्रमाणपत्र होना आवश्यक है।

नवजात शिशु का आधार कार्ड बनवाने के लिए जरूरी हैं ये कागजात
1. माइनर आधार कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए आपके पास जन्म प्रमाण पत्र या अस्पताल का डिस्चार्ज पत्र होना चाहिए।
2. माता-पिता का आधार कार्ड या कोई अन्य वैध सरकारी आइडी।
3. प्रमाण जैसे पैन कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
4. माता-पिता के पता के लिए प्रमाण जैसे बिजली बिल, पानी बिल या टेलीफोन बिल होना चाहिए।
5. नवजात शिशु की एक पासपोर्ट साइज फोटो।

इस बारे में जिले के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अमित दुबे ने बताया कि चंदौली जिले में जिला अस्पताल के अलावा राजकीय महिला चिकित्सालय, नौ विकास खंड स्तरीय अस्पताल संचालित हैं। सभी पर प्रसव कराए जाते हैं। यहां जन्म प्रमाण पत्र के साथ नवजात के आधार कार्ड बनाए जाएंगे। इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा गया है।