देख लीजिए DM साहब..बरडीहा माइनर पर दोयम दर्जे की ईंट से बन रही पुलिया, आंदोलन की चेतावनी देकर रोका गया है काम
बरहनी ब्लॉक के इमिलिया गांव में मानक ताक पर रखकर बनाई जा रही पुलिया पर ग्रामीणों ने कड़ा ऐतराज जताया है। घटिया ईंट और बालू का प्रयोग देख जनता ने काम रुकवा दिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इमिलिया गांव में पुलिया का काम ठप
9.60 लाख की लागत में भारी भ्रष्टाचार
दोयम दर्जे की ईंट का हो रहा था इस्तेमाल
ग्रामीणों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
अधिशासी अभियंता ने दिए जांच के आदेश
चंदौली जिले में सरकारी धन की बंदरबांट और विकास कार्यों में घटिया सामग्री का उपयोग थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा मामला कंदवा क्षेत्र के बरडीहा माइनर का है, जहाँ इमिलिया गांव के पास बन रही पुलिया के निर्माण में भारी अनियमितता देख ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। सोमवार को बड़ी संख्या में जुटे ग्रामीणों ने न केवल काम रुकवा दिया, बल्कि जिले में तैनात 'कमीशनखोर' अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
9.60 लाख की लागत, पर सामग्री 'दोयम दर्जे' की
जानकारी के अनुसार, बरडीहा माइनर पर इमिलिया गांव के पास लगभग 9.60 लाख रुपए की लागत से पुलिया का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। यह पुलिया गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने का एकमात्र ज़रिया है, इसलिए ग्रामीण इसकी गुणवत्ता को लेकर शुरू से सतर्क थे। ग्रामीणों का आरोप है कि कार्यदायी संस्था द्वारा निर्माण में अत्यंत निम्न स्तरीय सीमेंट और दोयम दर्जे की ईंटों का उपयोग किया जा रहा था। ग्रामीणों ने साफ कहा कि यदि नींव ही कमजोर होगी, तो पुलिया कुछ ही महीनों में ढह जाएगी, जिससे सरकारी धन की बर्बादी के साथ-साथ ग्रामीणों की जान को भी खतरा होगा।
"अधिकारी सुधारें अपनी कार्यप्रणाली" - ग्रामीण
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अशोक सिंह, सतेंद्र सिंह और गिरजेश सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने तीखे शब्दों में कहा कि जिले में कुछ अधिकारी अपनी जेब भरने के चक्कर में जनता की सुविधाओं का बंटाधार कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना था कि विकास कार्य केवल कागजी औपचारिकता निभाने के लिए नहीं, बल्कि जनता की सुविधा के लिए होने चाहिए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जब तक एस्टीमेट के अनुसार अव्वल दर्जे की ईंट और सही मानक का मसाला उपयोग में नहीं लाया जाएगा, तब तक काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा।
जांच और कार्रवाई का आश्वासन
मामला गरमाता देख सिंचाई विभाग में हलचल तेज हो गई है। इस संबंध में चंद्रप्रभा प्रखंड के अधिशासी अभियंता (XEN) हरेंद्र कुमार ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। कार्यस्थल पर उपयोग की जा रही निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यदि सामग्री मानकों के विपरीत पाई गई, तो संबंधित ठेकेदार और पर्यवेक्षण अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग किसी भी कीमत पर गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं करेगा।
इस दौरान मुख्य रूप से डब्लू सिंह राजा, संजय सिंह टुन्ना, शेरा सिंह, बबलू सिंह, सखजान सिंह सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे और मांग की कि डीएम स्वयं इस भ्रष्टाचार का संज्ञान लें।