अप्रैल में निर्माण होना था पूरा, लेकिन छोड़ा अधूरा

चंदौली जिले में बिजली की मनमानी कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से निजात दिलाने के लिए मढ़िया गांव में 10 एमबीए क्षमता का बिजली का नया उपकेन्द्र बनाया जा रहा है।
 

मढ़िया गांव में धीमी गति से चल रहा बिजली उपकेन्द्र का काम

कार्यदायी संस्था पर लागाया का आरोप

पिछले साल के अंत में शुरू हुआ था कार्य

चंदौली जिले में बिजली की मनमानी कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से निजात दिलाने के लिए मढ़िया गांव में 10 एमबीए क्षमता का बिजली का नया उपकेन्द्र बनाया जा रहा है। इसे अब तक बनकर तैयार हो जाना था मगर कार्यदायी संस्था की ओर से निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है।

आपको बता दें कि अब तक इसका काम पूरा नहीं हो पाया। जबकि इसे अप्रैल में ही पूरा कर संचालित करना था। इससे इस गर्मी में भी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बिजली के संकट से निजात मिलना मुश्किल दिख रहा है। 


ग्रामीणों का कहना है कि तीन महीना का कार्य छह महीना बीत गया, लेकिन अब तक विद्युत उपकेंद्र बनकर तैयार नहीं हो पाया। गर्मी का महीना शुरू होते ही पड़ाव क्षेत्र के आसपास गांव जैसे सुजाबाद, बहादुरपुर, जलीलपुर, मढ़िया, रतनपुर, भोजपुर, डांडी जीटी सहित दस गांवो में वर्षों पूर्व से साहूपुरी उपकेंद्र से बिजली की आपूर्ति होती है। लेकिन लो वोल्टेज, ट्रिपिंग की समस्या के चलते ग्रामीणों को भरपूर बिजली नहीं मिल पा रही थी। ओवरलोड होने की वजह से आए दिन कही न कही तार टूट कर गिर जाता था। पिछले वर्ष अगस्त महीने में मढ़िया गांव में राजस्व विभाग की तरफ से उपकेंद्र बनाने के लिए जमीन चिह्नित कर उसकी पैमाइश करने के बाद उसे ग्रामसभा से बिजली विभाग के नाम आवंटित कर दिया गया था। उसके बाद उपकेंद्र बनाने के लिए शासन से पैसा भी स्वीकृत हो गया।

टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद पिछले साल के अंत में उपकेन्द्र बनाने का कार्य शुरू हो गया। उसे अप्रैल तक बनकर तैयार होना था। लेकिन कार्यदायी संस्था की ओर से उपकेंद्र बनाने का कार्य धीमा गति से होने के कारण तय समय पर कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण इस वर्ष भी गर्मी के महीने में ग्रामीणों को लो वोल्टेज व ट्रिपिंग की समस्या से जूझना पड़ेगा।


जुलाई के प्रथम सप्ताह में बनकर होगा तैयार

इस संबंध में बिजली विभाग के एसडीओ मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि खंभा और तार चारों तरफ दौड़ा दिया गया है। कंट्रोल रूम बनकर लगभग तैयार हो चला है। अभी स्विच यार्ड का कार्य होना बाकी है। जून महीना के अंत में या जुलाई के प्रथम सप्ताह में उपकेंद्र बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद उपकेन्द्र बनते ही लोगों को भरपूर बिजली मिलना शुरू हो जाएगी।