विकास की गंगा बहाने वाले नहीं बनवा पाए एक छोटा सा पुल, पेड़ पर आते जाते हैं बच्चे

क्षेत्र भ्रमण के दौरान बिंदपुरवां गांव पहुंचे सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने जब बच्चों को पेड़ों के तनों से होकर गड़ई नदी को पार करते हुए देखा तो हतप्रभ रह गए।
 

सपा नेता ने किया गांव का दौरा

जाना बिंदपुरवा का हाल

गिरे हुए पेड़ों के तनों के सहारे आते जाते हैं बच्चे

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चंदौली  जिले की मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र के बिंदपुरवा के स्कूली बच्चे जान-जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने के लिए मुस्तफापुर जाते हैं, क्योंकि सरकार ने उनके गांव में स्कूल नहीं बनाए और ना ही उन्हें स्कूल तक जाने के लिए गड़ई नदी में पुल का ही निर्माण कराया। ऐसे में नदी तट पर गिरे हुए पेड़ों के तनों के सहारे छोटे-छोटे स्कूली बच्चों व ग्रामीणों का आवागमन होता है, जो जोखिम भरा है। बावजूद इसके शिक्षा पाने की ललक के साथ बच्चे ये जोखिम हर दिन सुबह-शाम उठाते हैं अब तक हुए हादसे में कई बच्चे हादसे का शिकार भी हो चुके हैं। बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधि उक्त स्थान पर पुल बनाने के अब तक गंभीर नहीं हुए।


क्षेत्र भ्रमण के दौरान बिंदपुरवां गांव पहुंचे सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने जब बच्चों को पेड़ों के तनों से होकर गड़ई नदी को पार करते हुए देखा तो हतप्रभ रह गए। उन्होंने जब ग्रामीणों से इसकी वजह पूछी तो ग्रामीणों ने गांव में स्कूल का ना होना प्रमुख कारण बताया। कहा कि गड़ई नदी पर पुल होता तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन आसपास नदी पर पुल नहीं होने के कारण जान जोखिम डालना मजबूरी है। बताया कि यदि यह जोखिम न उठाते तो बच्चे पढ़ नहीं पाएंगे। बारिश के मौसम में नदी में उफान के कारण बच्चों का स्कूल जाना बंद हो जाता है। समस्या से रूबरू होने के बाद मनोज सिंह डब्लू ने इसके लिए सीधे तौर पर डबल इंजन की सरकार व उनके प्रतिनिधियों पर निशाना साधा।

कहा कि बीते दिनों मुगलसराय विधायक रमेश जायसवाल द्वारा बिंदपुरवां-मुस्तफापुर के बीच गड़ई नदी पर पुल निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये जारी होने का दावा करते हुए सुर्खियां बंटोरी थी, लेकिन मौके पर सबकुछ नगण्य है। इसके साथ ही पुल निर्माण का दावा करने वाले चंदौली सांसद पर भी उन्होंने निशाना साधा। कहा कि बिंदपुरवां गांव में गड़ई नदी को पारकरते हुए यदि हादसे में कोई हताहत हुआ तो इसके लिए सीधे तौर पर सत्ता पक्ष जिम्मेदार होगा, क्योंकि उनके गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण आज ग्रामीण अपने बच्चों की सुरक्षा के साथ इतना बड़ा खतरा मोल ले रहे हैं।