चंधासी में कालिका सिंह के कटरे पर छापेमारी, कोल माफिया के खेल की खुलेगी पोल

स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरा मामला कोयला चोरी का है। कोयले के लिंकेज कारोबार में बिना सही तरीके से कागजात तैयार करके यह चोरी की जाती है। कुछ लोग टैक्स चोरी करने के लिए इस तरह का खेल करते हैं।
 

 केंद्रीय जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम का छापा

कोल माफिया अभय सिंह के नाम से सर्च वारंट

लिकेंज कोयले के कारोबार का मामला

फर्जी पते पर चलती हैं कई बोगस फर्म

कोयला का टैक्स बचाते हैं माफिया



 

चंदौली जिले में एशिया की सबसे बड़ी कोयला मंडी अपने काले कारनामों के लिए भी जानी जाती है। एक बार फिर मंडी में केंद्रीय जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने रेड डाला है और कोल माफिया अभय सिंह के नाम से सर्च वारंट लेकर जांच पड़ताल शुरू की है। केंद्रीय जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम की रेड की खबर मिलते ही कई फर्मों के लोग अपनी गद्दी छोड़कर खिसक लिए।

बताया जा रहा है कि फर्म के दिए ऑफिसियल पते कालिका सिंह के कटरा पर पहुंची तो कमरा नंबर 41 में ताला लटका मिला। मौके पर केंद्रीय जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम को फर्म के दरवाजे का ताला तोड़कर फर्म के अंदर जाना पड़ा। इसके बाद भी वहां उसके हाथ कुछ खास नहीं लगा।


 जानकारी में बताया जा रहा है कि कोल माफिया अभय सिंह अलग-अलग जगह पर कोयले का व्यापार करता है और कई फर्में फर्जी तरीके से चलाने की कोशिश करता है। बताया जा रहा है कि इसी तरह की शिकायत पर कोल माफिया अभय सिंह के आधा दर्जन ठिकानों का रेड चल रही है। इसी क्रम में एक टीम चंधासी कोयला मंडी आई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरा मामला कोयला चोरी का है। कोयले के लिंकेज कारोबार में बिना सही तरीके से कागजात तैयार करके यह चोरी की जाती है। कुछ लोग टैक्स चोरी करने के लिए इस तरह का खेल करते हैं। इस लिंकेज कोल व्यापार के खेल में कई मास्टरमाइंड खिलाड़ी है, हजारीबाग के कोयला व्यापारियों से कनेक्ट हैं। यह एक बहुत बड़ा सिंडिकेट है। इस जांच को अगर ईमानदारी से किया जाए तो इसमें कई और बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं।