चकिया तहसील में फिक्स है हर काम का रेट, लेखपाल की रिश्वतखोरी का खेल उजागर..देखें वायरल वीडियो

आरोप है कि अंश निर्धारण जैसे संवेदनशील मामलों से लेकर अन्य जमीन संबंधी कार्यों तक में पैसों की खुली मांग की जाती है। यदि पूरा पैसा नहीं दिया जाता, तो आवेदक को बार-बार तहसील के चक्कर लगवाए जाते हैं।
 

वायरल वीडियो में दिखी चकिया के लेखपाल की रिश्वतखोरी

चकिया तहसील में जमकर हो रहा पहले पैसा फिर काम का खेल

बिना पैसे के कोई काम नहीं करते तहसील के कर्मचारी

देख लीजिए काम के बदले 1500 रुपये की मांग वाला वीडियो

चंदौली जिले में भ्रष्टाचार और घूसखोरी के आरोपों से अक्सर घिरी रहने वाली तहसीलों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। चकिया तहसील के लेखपाल अनिल सोनकर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह खुलेआम काम के बदले रुपये मांगते हुए सुना और देखा जा सकता है।

वायरल वीडियो में खुली घूसखोरी

वीडियो में लेखपाल यह कहते हुए सुनाई देता है कि काम के बदले 1500 रुपये में बात हुई थी, और आप 1200 रुपये दे रहे हैं। इतना ही नहीं, जब रकम पूरी नहीं मिली तो उसने सामने वाले को ही गांव का ब्रोकर  कहकर कटाक्ष कर दिया।

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ग्रामीणों के आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि तहसील प्रशासन की मिलीभगत के कारण ही ऐसे कर्मचारी निर्भीक होकर रिश्वतखोरी करते हैं। आरोप है कि अंश निर्धारण जैसे संवेदनशील मामलों से लेकर अन्य जमीन संबंधी कार्यों तक में पैसों की खुली मांग की जाती है। यदि पूरा पैसा नहीं दिया जाता, तो आवेदक को बार-बार तहसील के चक्कर लगवाए जाते हैं।

उठ रहे हैं बड़े सवाल

यह वीडियो तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि वायरल वीडियो को आधार बनाकर तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जाए, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कार्रवाई हो और संबंधित लेखपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। साथ ही, स्वतंत्र जांच आयोग से मामले की निष्पक्ष जांच की भी मांग की जा रही है।

प्रशासन की अगली परीक्षा

अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस वायरल सबूत के आधार पर कड़ी कार्रवाई करता है या फिर पहले की तरह संरक्षण की परंपरा ही जारी रहती है। फिलहाल जिले में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग प्रशासनिक जवाबदेही की ओर उम्मीद लगाए बैठे हैं।