सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के लिए फरिश्ता बने चंदौली के 6 'राह-वीर' सम्मानित, मिलेगा 25-25 हजार का नकद इनाम

 

सड़क हादसों में 'गोल्डन ऑवर' के दौरान घायलों की जान बचाने वाले चंदौली के 6 नेक नागरिकों को वाराणसी मंडलायुक्त ने सम्मानित किया। 'राह-वीर' योजना के तहत इन सभी को 25,000 रुपये की नकद राशि प्रदान की जाएगी।

 
 

6 नेक नागरिकों को मिला अच्छे कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र

राह-वीर योजना में 25,000 नकद इनाम

गोल्डन ऑवर में घायलों की मदद करने से बची जान

मंडलायुक्त वाराणसी के द्वारा किया गया सबका सम्मान

वाराणसी में सोमवार को आयोजित मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में मानवता की मिसाल पेश करने वाले चंदौली जनपद के 6 नागरिकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। वाराणसी मंडलायुक्त द्वारा इन नेक नागरिकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया। इन व्यक्तियों ने सड़क दुर्घटना के तुरंत बाद 'गोल्डन ऑवर' (हादसे के बाद का पहला घंटा) के भीतर घायलों को अस्पताल पहुँचाकर उनकी जान बचाने में अद्वितीय भूमिका निभाई थी। इन सभी के नाम मुख्यालय को प्रेषित किए जा चुके हैं, जहाँ से चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 'राह-वीर' योजना के अंतर्गत प्रत्येक को 25,000 रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

इन 6 नायकों ने पेश की मानवता की मिसाल
सम्मानित होने वाले नागरिकों में खानजहांनचक की श्रीमती सोनी देवी शामिल हैं, जिन्होंने पचफेड़वा के पास घायल युवक को तत्काल एम्बुलेंस बुलाकर अस्पताल पहुँचाया। वहीं, नेहरूनगर के राजकुमार पटेल ने करवत रोड पर लावारिस पड़ी घायल महिला की समय रहते मदद की। जखनियां गाजीपुर के निवासी हिमांशु विश्वकर्मा ने चंदौली पुलिस लाइन के पास पिकअप की टक्कर से घायल हुए बाइक सवार और दो बच्चों को अस्पताल पहुँचाकर जीवनदान दिया। लोहियानगर के संतोष कुमार ने बबुरी के पास घायल युवक के लिए तत्काल मदद सुनिश्चित की। इसके अतिरिक्त, नेहरूनगर के घनश्याम प्रसाद ने चकिया में और समुदपुर के राजकुमार यादव ने मजिदहा पुल के पास हुए हादसों में तत्परता दिखाते हुए घायलों को उपचार दिलाया।

क्या है 'राह-वीर' योजना और इसके लाभ?
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई 'राह-वीर' (Good Samaritan) योजना का मुख्य उद्देश्य सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करना है। इस योजना के तहत, दुर्घटना के तुरंत बाद घायल को अस्पताल या ट्रॉमा केयर सेंटर पहुँचाने वाले व्यक्ति को 25,000 रुपये की नकद राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस योजना के तहत मदद करने वाले व्यक्ति को पुलिस या अस्पताल में पूछताछ के लिए परेशान नहीं किया जा सकता और न ही वे गवाही देने के लिए बाध्य हैं। यह योजना लोगों को बिना किसी डर के घायलों की मदद करने के लिए प्रेरित करती है।

गोल्डन ऑवर की महत्ता पर विशेष जोर
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि सड़क दुर्घटना के बाद का पहला घंटा 'गोल्डन ऑवर' कहलाता है। यदि इस दौरान घायल को उचित चिकित्सीय सहायता मिल जाए, तो जान बचने की संभावना 80 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। चंदौली के इन 6 नागरिकों ने इसी महत्वपूर्ण समय में साहस का परिचय दिया। समिति द्वारा इन सभी नेक व्यक्तियों का चयन किया गया है और जल्द ही इनके बैंक खातों में पुरस्कार राशि अंतरित कर दी जाएगी। प्रशासन ने जनपद के अन्य नागरिकों से भी अपील की है कि वे सड़क हादसों के समय घायलों की मदद के लिए आगे आएं।