स्कूली वाहनों पर परिवहन की चेतावनी, नहीं चलेंगी 15 साल पुरानी 51 गाड़ियां
15 वर्ष पुरानी गाड़ियों को कंडम घोषित करेगा विभाग
स्कूली वाहनों पर विभाग की पैनी नजर
51 गाड़ी मालिकों को गाड़ी स्कूलों में न चलाने का दिया निर्देश
चंदौली जिले में स्कूल प्रबंधन की ओर से चलाई जा रहीं जर्जर और खटारा बसों के संचालन पर परिवहन विभाग ने रोक लगा दी है। इसके साथ अब बगैर फिटनेस वाले वाहन भी सड़कों पर फर्राटा नहीं भर सकेंगे। विभाग ऐसे वाहनों की धड़पकड़ करेगा और वाहन स्वामी पर कार्रवाई भी की जाएगी। एआरटीओ प्रवर्तन व यातायात पुलिस इसके लिए जांच अभियान चलाकर 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुके लगभग 51 वाहनों को चिह्नित किया है। परिवहन प्रशासन ने अनुसार ऐसे वाहन नहीं चलने दिए जाएंगे। इनकी निगरानी की जा रही।
आपको बता दें कि नगर व ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहीं जर्जर स्कूली गाड़ियां शासन के रडार पर हैं। ऐसे वाहनों से अक्सर दुर्घटना होने की संभावना रहती है। जर्जर वाहन पर्यावरण प्रदूषण के कारक भी हैं। विभाग इनका फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा। साथ ही चालक के पकड़े जाने पर उसका लाइसेंस भी निरस्त होगा। विभाग ने - पुराने स्कूली वाहनों के संचालन पर रोक लगाने की योजना बना लिया है। रिकार्ड खंगालकर खस्ताहाल वाहनों की सूची तैयार कराई जाएगी।
चंद रुपयों की लालच के लिए विद्यालय प्रबंधन पुराने वाहनों का संचालन जारी रखा है। बस के अलावा मैजिक, आटो की संख्या अधिक है। तमाम प्रयासों के बाद भी बिना मानक वाले स्कूली वाहनों के संचालन पर रोक नहीं लग पा रही। हाल यह है कि रंगरोगन कर कई स्कूल वाहन चल रहे हैं। जिम्मेदारों की नजर नहीं है। वैसे परिवहन विभाग ने 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुके 51 वाहनों को चिह्नित करते हुए नोटिस देकर कोरमपूर्ति कर लिया है। वहीं जिले के 161 शैक्षणिक संस्थानों के 242 अनफिट वाहन चिह्नित किए गए थे। 884 स्कूल वाहन छात्र-छात्राओं के परिवहन के लिए लगाए गए है।
इस संबंध में आर्ट प्रशासन डॉक्टर सर्विस गौतम ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। 15 साल पुरानी स्कूली बसों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है। मैजिक, टेंपो के विरुद्ध भी अभियान चलाया जाएगा। यातायात नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना लगेगा।