जल संरक्षण में फेल है चंदौली का बंधी डिवीजन, 97 बंधियां को मेंटेन रखने की योजना भूली
​​​​​​​

चंदौली जिले के जल संचयन के लिए नौगढ़ और शहाबगंज क्षेत्र में 97 बंधियां बनाई गई थीं, जिनका कभी न तो गहरीकरण हुआ और न मजबूतीकरण किया गया।
 

कब होंगी जिले की 97 बंधियों की मरम्मत

बंधियों को गहरा करने पर नहीं देते बजट

कम गहराई होने से सूख जा रही हैं बंधियां

किसानों को सिंचाई के लिए नहीं मिल पाता पानी 

चंदौली जिले के जल संचयन के लिए नौगढ़ और शहाबगंज क्षेत्र में 97 बंधियां बनाई गई थीं, जिनका कभी न तो गहरीकरण हुआ और न मजबूतीकरण किया गया। गर्मी के दिनों में लगभग सभी बंधियां सूख जाती हैं। ऐसे में क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता। किसान लंबे समय से बंधियों के गहरीकरण की मांग कर रहे हैं।


आपको बता दें कि क्षेत्र के किसान शेषनाथ, रतन सिंह, कन्हैया लाल बंधियों की गहराई धीरे-धीरे कम होती जा रही है। इससे गर्मी में पानी जल्दी सूख जाता है, जिस कारण फसलों की सिंचाई तो प्रभावित होती ही है, पशु - पक्षियों के सामने भी खड़ा हो जाता है। नौगढ़ में 70, चकिया में 12 और शहाबगंज में 13 बंधियां हैं। सभी बंधियां सूख गई हैं।

इस सम्बंध में बंधी प्रखंड के अधिशासी अभियंता मनोज पटेल ने बताया कि वर्ष 2021 से पहले किसी बंधी में कोई काम नहीं हुआ। बीते तीन साल में किसानों की जो मांगें आईं हैं, उनका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। चकिया की भोका बंधी, नौगढ़ के जरहर, चुप्पेपुर, जयमोहनी, नर्मदापुर बंधी पर काम हुआ है। वहीं, शहाबगंज के छित्तमपुर बंधी का भी गहरीकरण पिछले साल किया गया। अगले साल नौगढ़ के बेलावर बंधी पर काम प्रस्तावित है।


हर साल दो बंधियों के कायाकल्प की योजना


अधिशासी अभियंता ने बताया कि एक बड़ी बंधी के गहरीकरण और मजबूतीकरण में 70 लाख रुपये की लागत आती है। छोटी बंधियों 20 से 25 लाख में गहरीकरण होता है। हर साल शासन प्रस्ताव भेजा जाता है, जिसे मंजूरी मिलती है, उसका काम कराया जाता है। हर साल दो से तीन बंधियों के गहरीकरण और मजबूती करण की योजना है।