चंदौली हो गयी अंधेर नगरी: 40% कमीशन और घटिया ईंटों से हो रहा नहर का काम..धृतराष्ट्र बने हैं अधिकारी

चंदौली के सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र में नहर के फर्श और लाइनिंग में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने घटिया ईंटों के इस्तेमाल और 40% कमीशन के खेल को उजागर करते हुए अधिकारियों को सीधी चेतावनी दी है।
 

सैयदराजा विधानसभा की सोगाईं पंप कैनाल की लाइनिंग में भ्रष्टाचार

पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू का खुलासा

40 प्रतिशत कमीशन का बड़ा आरोप

चंदौली सिंचाई विभाग में घटिया काम

अधिकारियों को सपा नेता की चेतावनी

चंदौली जिले की सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और क्षेत्र के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने सोंगाई से निकल रही नहर के फर्श और लाइनिंग के निर्माण में हो रहे भारी अनियमितताओं को उजागर किया है। उन्होंने सीधे तौर पर ठेकेदारों और कमीशनखोर अधिकारियों पर हमला बोलते हुए कहा है कि पूरे जनपद में विकास कार्य को लेकर अंधेर नगरी का माहौल है।

खराब ईंटों को सबके सामने चेक करते सपा के नेता मनोज सिंह

घटिया ईंटों से हो रहा है निर्माण
पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने मौके पर जाकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच की और बताया कि नहर की तल्ली और लाइनिंग का काम 'तीन नंबर' से भी घटिया ईंटों से किया जा रहा है। उन्होंने दोयम दर्जे की ईंटों को एक दूसरे से टकराकर दिखाया, जो तुरंत घूल बनकर टूट गईं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब 40 प्रतिशत तक कमीशन दिया जा रहा है, तो काम में एक नंबर या दो नंबर की ईंटों का इस्तेमाल कैसे हो सकता है? यह निर्माण केवल खानापूर्ति और दिखाने के लिए किया जा रहा है, जिसकी टिकाऊपन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

खराब ईंटों के बारे में मजदूरों से बात करते सपा के नेता मनोज सिंह

ठेकेदार और अधिकारियों पर साधा निशाना
मनोज सिंह डब्लू ने ठेकेदार और सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए उन्हें सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यह लाइनिंग आखिर कितने दिन तक चलेगी, क्योंकि कमीशनखोरी के चलते गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से ही जनपद अंधेर नगरी बना हुआ है और खुलेआम भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी तंज कसा कि अधिशासी अभियंता को अपने विभाग के काम को देखने की फुर्सत नहीं है और वह केवल चप्पल दिखाने पर एफआईआर कराने में व्यस्त रहते हैं।