कलेक्ट्रेट प्रशासनिक अधिकारी की मौत के बाद कौन लेगा 'तीसरी आंख' की सुध, लाखों खर्च के बाद भी स्मार्ट सर्विलांस का काम हो रहा है फेल
प्रशासनिक अधिकारी को टक्कर मारने वाले ट्रेलर की पहचान अटकी
दुर्घटना के सीसीटीवी फुटेज मौजूद फिर भी अज्ञात वाहन
एसपी कार्यालय के कैमरे खराब होने का खुलासा
कैमरों का कैसे होगा सटीक उपयोग
चंदौली जनपद में कलेक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी कृष्ण कुमार श्रीवास्तव के साथ हुए सड़क हादसे को कई दिन बीत जाने के बावजूद, दुर्घटना में शामिल ट्रेलर की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। इस मामले में पुलिस की 'तीसरी आंख' यानी सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम फेल होता नजर आ रहा है।
प्रशासनिक अधिकारी कृष्ण कुमार श्रीवास्तव जब ऑफिस से अपने आवास वाराणसी जा रहे थे, तभी रात करीब 7 बजकर 56 मिनट 16 सेकंड पर एक ट्रेलर ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी थी। इस हादसे का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। फुटेज से पता चलता है कि ट्रेलर पहले असंतुलित होकर सड़क के किनारे की ओर जाता है। चालक ने वाहन को नियंत्रण में लाने की कोशिश की, लेकिन तेज रफ्तार के कारण ट्रेलर सीधे प्रशासनिक अधिकारी की बाइक से टकरा गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि श्रीवास्तव बाइक से उछलकर सड़क के बीच बने डिवाइडर पर जा गिरे थे।
दुर्घटना के बाद पुलिस ने ट्रेलर की तलाश शुरू की, लेकिन अब तक वाहन की पहचान नहीं हो पाई है। इसकी मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि जिस हाईवे पर यह गंभीर हादसा हुआ, वहां एसपी कार्यालय द्वारा लगाए गए कैमरे सही तरीके से काम नहीं कर रहे थे। स्थानीय लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जब "स्मार्ट सर्विलांस" के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं, तो फिर ऐसे गंभीर मामलों में "तीसरी आंख" क्यों फेल हो जाती है।
पुलिस ने जांच जारी रखी है। थानाध्यक्ष अलीनगर अनिल कुमार पांडे ने बताया कि वे आसपास के अन्य निजी कैमरों से भी फुटेज खंगाल रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही ट्रेलर की पहचान हो जाएगी और आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।