जानिए किसलिए निकला है टेंडर, इतनी जल्दी नहीं हो पाएगा शिलान्यास, आंदोलन रहेगा जारी

चंदौली से निकाली पदयात्रा प्रदेश मुख्यालय से होते हुए दिल्ली की ओर कूच कर रही है। इसकी वजह से शासन और प्रशासन की नींद पूरी तरह से उड़ी हुई है। जैसे-जैसे आंदोलन तेज होता जा रहा है।
 

संघर्ष समिति के अध्यक्ष झन्मेजय सिंह का बयान

डीपीआर बनाने के टेंडर को दिखा कर बोल रहे झूठ

शिलान्यास तक चलता रहेगा आंदोलन


 

चंदौली जिले में जिला न्यायालय एवं जिला मुख्यालय निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष झन्मेजय सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए प्रेस की एक कटिंग को साझा करके तमाम तरह से अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है और न्यायालय निर्माण शुरू करने का झूठा श्रेय भी कई लोग ले रहे हैं, लेकिन इस बात की सच्चाई यह है कि यह न्यायालय निर्माण का नहीं, बल्कि न्यायालय के लिए डीपीआर बनाने का टेंडर जारी किया गया है।
आंदोलनकारी अधिवक्ता ने कहा कि चंदौली सहित अन्य जिलों में बनने वाले न्यायालय के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए परामर्श कार्य करने का यह टेंडर जारी किया गया है, इसमें विभिन्न कार्यवाही संस्थाओं को कोटेशन देने के लिए कहा गया है। इसके लिए अनुमानित लागत शासन द्वारा लगभग 7 करोड़ तय की गई है। जो संस्थान सबसे कम रेट पर कोटेशन देगा, उसे डीपीआर बनाने का काम सौंप दिया जाएगा।


 जानकारी में यह भी बताया कि चुने गए संस्थान को 75 दिनों के भीतर अपनी डीपीआर जमा करनी होगी। इसके बाद निर्माण संबंधी टेंडर आमंत्रित किया जाएगा । इसलिए चंदौली के सभी लोगों से यह अनुरोध है कि इस तरह की झूठी अफवाहों पर ध्यान ना दें।
 चंदौली से निकाली पदयात्रा प्रदेश मुख्यालय से होते हुए दिल्ली की ओर कूच कर रही है। इसकी वजह से शासन और प्रशासन की नींद पूरी तरह से उड़ी हुई है। जैसे-जैसे आंदोलन तेज होता जा रहा है। वैसे-वैसे अपने नाकामियों को छिपाने के लिए इस तरह की अफवाह फैलाई जा रही है, ताकि लोगों का ध्यान भटके और आंदोलन कर रहे लोगों को मनोबल टूट जाए। लेकिन हम लोग ऐसी किसी साजिश का शिकार होने वाले नहीं है। जो भी साजिश रची जा रही है, उसे कामयाब नहीं होने देंगे। टेंडर वाली बात यह पूरी अफवाह है। न्यायालय निर्माण एवं संघर्ष समिति अपने प्रयास को अंत तक जारी रखेगी और झूठा आश्वासन देखा आंदोलन खत्म करने वालों की पोल खोलती रहेगी। हमारी लड़ाई भूमि पूजन तक अनवरत जारी रहेगी।