चंदौली में 'डिजिटल पुस्तकालय' क्रांति: स्थानीय साहित्यकारों और शहीदों की जीवनी से सजेगी ग्राम पंचायतों की लाइब्रेरी
 

डीपीआरओ ने बताया कि इन पुस्तकालयों में पुस्तकों के चयन के लिए एक विशेष रणनीति अपनाई जाएगी, जिसमें स्थानीय ज्ञान और प्रतियोगी परीक्षाओं पर जोर रहेगा।
 

 किताबों से सजेगी गांव की दीवार

चंदौली की ग्राम पंचायतों में डिजिटल पुस्तकालय स्थापित करने की तैयारी

DPRO ने प्रकाशकों से मांगी किताबें

प्रतियोगी परीक्षाओं और स्थानीय नायकों की जीवनी पर होगा फोकस

चंदौली जिले की ग्राम पंचायतों में अब ज्ञान का केंद्र स्थापित होने जा रहा है। जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) नीरज सिन्हा ने बताया कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जनपद स्तरीय चयन समिति द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर 'डिजिटल पुस्तकालय' स्थापित किए जाएंगे। इन पुस्तकालयों में विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए पुस्तकों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

किताबों के चयन की विशेष रणनीति

डीपीआरओ ने बताया कि इन पुस्तकालयों में पुस्तकों के चयन के लिए एक विशेष रणनीति अपनाई जाएगी, जिसमें स्थानीय ज्ञान और प्रतियोगी परीक्षाओं पर जोर रहेगा।

सरकारी और अन्य प्रकाशक: कुल पुस्तकों में से 50% का चयन शासकीय प्रकाशकों द्वारा किया जाएगा, जबकि शेष 50% अन्य प्रतिष्ठित प्रकाशकों की होंगी।

स्थानीय महत्व: चयन में स्थानीय भाषाओं के साहित्यकारों, क्षेत्रीय लेखकों, प्रतिष्ठित विद्वानों, कवियों की पुस्तकों को प्रमुखता दी जाएगी।

राष्ट्र नायक और प्रतियोगी परीक्षा: इसके अलावा, स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों, राष्ट्र नायकों और शहीदों की जीवनी को भी शामिल किया जाएगा। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें भी इन पुस्तकालयों का हिस्सा होंगी, ताकि ग्रामीण छात्रों को तैयारी में मदद मिल सके।

पुस्तकें जमा करने की अंतिम तिथि
डीपीआरओ नीरज सिन्हा ने समस्त प्रकाशकों को सूचित किया है कि वे अपनी पुस्तकों की सूची, दर और विषयवार विवरण विज्ञप्ति प्रकाशित होने के 7 दिवस के अंदर जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय, बिछिया कला, चंदौली में उपलब्ध करा दें।

ई-मेल से विवरण जमा करने का विकल्प
जो प्रकाशक ग्राम पंचायतों में डिजिटल पुस्तकालय (बाल एवं किशोर पुस्तकालय) स्थापित करने हेतु पुस्तकें उपलब्ध कराने के इच्छुक हैं, वे अपनी पुस्तकों के प्रकाशन और लेख से संबंधित विवरण 04.11.2025 तक जनपद की ई-मेल आई.डी. dprocd-up@nic.in पर भी भेज सकते हैं।

ग्रामीण विद्यार्थी भी भेज सकते हैं सुझाव
यह पहल सिर्फ अधिकारियों और प्रकाशकों तक सीमित नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी भी अब अपनी पसंद की पाठ्य सामग्री या पुस्तकों की सूची उक्त ई-मेल आई.डी. पर भेज सकते हैं, जिसे वे अपनी ग्राम पंचायत के डिजिटल पुस्तकालय में पढ़ना चाहते हैं। चयन समिति पुस्तकों का चयन करते समय उनकी सामर्थ्य, मूल्य निर्धारण और भाषा की सुगमता पर विशेष ध्यान देगी।