जबरन भूमि अधिग्रहण के विरोध में जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे
बंदरगाह के लिए ली जा रही है जमीन
किसानों ने प्रशासन पर लगाया मनमानी का आरोप]
जानिए 19 जून को आंदोलन की क्यों बन रही है रणनीति
चंदौली जिले में किसानों की आपातकालीन बैठक दिनांक 17 जून 2024 बंदरगाह पर बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि चंदौली जिले के जिला प्रशासन उपजिलाधिकारी P.D.D.U. नगर के उस गलत आदेश को नहीं माना जाएगा। जिसके जरिए मनमाने तरीके से एकपक्षीय आदेश देकर किसानों का हक छीना जा रहा है। इसके लिए 19 जून को एक मीटिंग करके आगे की रणनीति बनायी जाएगी।
आपको बता दें कि उप जिलाधिकारी पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर ने 1359 फसली बेसिक वर्ष को आधार न मानकर 1356 व 1291 के आधार पर गांव सभा और बंजर भूमि को गांव सभा की जमीन घोषित कर दिया है। साथ ही उसकी नकल भी जारी नहीं करने दे रहे हैं। यह जिला व तहसील प्रशासन की मनमानी है।
जिला प्रशासन को डर है कि अगर उसकी नकल जारी की जाएगी तो किसान व भू्स्वामी कोर्ट में जा सकते हैं। जिस किसान की जमीन जबरन ली जा रही है, वे अपनी आगे की लड़ाई लड़ने के लिए कोर्ट जा सकते हैं। उक्त विवादित भूमि पर मकान पेड़ आदि मौजूद हैं, जो वर्षों से लोगों को अधिकार में हैं। अब जमीन लेते समय उनका मुआवजा प्रभावित किसानों को नहीं दिया जा रहा है। यह 2013 में पारित भू अधिग्रहण कानून के खिलाफ है।
इस बात को लेकर 19 जून को शाम 5 बजे एक बैठक आयोजित की गई है, जिसमें धरना-प्रदर्शन व कलेक्टर चंदौली को मांग पत्र देने का निर्णय लिया जाएगा। साथ ही साथ इस योजना को रद्द की जाने की मांग की जाएगी।
उक्त बैठक में अखिलेश सिंह, राजेश कुमार सिंह, अनिल कुमार, श्रवण कुशवाहा, साहनी, सुजीत कुमार आदि लोग भाग लिए। अध्यक्षता किसान न्याय मोर्चा के बंदरगाह आंदोलन प्रभारी चंद्र प्रकाश लंकेश ने किया।