खूनी मांझे पर चंदौली में होगा तगड़ा एक्शन : 20 से अधिक लोगों के घायल होने पर बिक्रेताओं पर FIR करने की तैयारी
चंदौली में चाइनीज मांझे के कारण बढ़ते हादसों को देखते हुए पुलिस प्रशासन सख्त हो गया है। 20 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद अब पतंग विक्रेताओं की सूची तैयार कर उन्हें कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
खूनी चाइनीज मांझे पर पुलिस का शिकंजा
मुगलसराय के 35 पतंग विक्रेता चिन्हित
मांझे की चपेट में आए दर्जनों राहगीर
अवैध धागा बेचने पर होगी जेल
चंदौली जिले में मकर संक्रांति और कड़ाके की ठंड के बीच पतंगबाजी का शौक आमजन के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। विशेष रूप से प्रतिबंधित चाइनीज मांझे के प्रयोग से बढ़ते हादसों को देखते हुए सदर, चकिया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय (पीडीडीयू) नगर सर्किल की पुलिस ने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है।
सीओ कृष्ण मुरारी शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने मुगलसराय और आसपास के क्षेत्रों के 35 प्रमुख पतंग विक्रेताओं को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार की है। प्रशासन इन सभी दुकानदारों को औपचारिक नोटिस जारी कर रहा है, जिसमें स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि उनकी दुकान से प्रतिबंधित प्लास्टिक या चाइनीज मांझा बरामद हुआ, तो उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
घायलों की बढ़ती संख्या ने बढ़ाई चिंता
बीते दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 के शुरुआती दिनों में ही खूनी मांझे की चपेट में आने से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। पतंग काटने की होड़ में लोग इस जानलेवा धागे का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो राहगीरों और पक्षियों के लिए काल बन रहा है। सीओ पीडीडीयू नगर ने अलीनगर, बबुरी और मुगलसराय थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान चलाएं। चकिया पुलिस ने तो बाकायदा ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर) के माध्यम से बाजार में मुनादी कर दुकानदारों से अपील की है कि वे अपनी तिजोरी भरने के चक्कर में लोगों की जान से खिलवाड़ न करें।
मांझे की चपेट में आए कई राहगीर: रोंगटे खड़े करने वाले मामले
जिले में मांझे से हुई दुर्घटनाओं के कई डरावने मामले सामने आए हैं। स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ चंदौली के महासचिव कुमार नंदजी जब अपनी बाइक से घर जा रहे थे, तभी ओटीआर ब्रिज के पास उनके गले में मांझा फंस गया। मफलर होने की वजह से उनकी जान तो बच गई, लेकिन वे बाइक से गिरकर चोटिल हो गए। इसी तरह, सकलडीहा के टिमिलपुर गांव में 11 वर्षीय मासूम आयुष अपने घर के बाहर खेल रहा था, तभी एक कटी पतंग के मांझे ने उसके गले को बुरी तरह रगड़ दिया। परिजनों ने उसे लहूलुहान हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि एक छोटी सी लापरवाही किसी के जीवन को संकट में डाल सकती है।
सड़कों पर मौत बनकर घूम रहा है प्रतिबंधित धागा
एक और गंभीर मामला बलुआ क्षेत्र के खंडवारी गांव से सामने आया, जहाँ 50 वर्षीय राजेश सिंह मुन्ना बाइक से चहनिया जा रहे थे। धानापुर मार्ग पर एक व्यक्ति छत से पतंग उड़ा रहा था, जिसका मांझा अचानक राजेश की गर्दन में फंस गया। अपनी जान बचाने के फेर में जब राजेश ने मांझे को हाथ से पकड़ा, तो उनका हाथ गहराई तक कट गया और गर्दन पर भी गंभीर खरोंचें आईं। उन्हें तत्काल चहनिया पीएचसी ले जाया गया। पुलिस का कहना है कि पतंगबाजी का आनंद लें, लेकिन केवल सूती धागे का ही प्रयोग करें। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि मुनादी और नोटिस के बाद भी जो दुकानदार अवैध मांझा बेचते मिलेंगे, उन्हें जेल की हवा खानी होगी।