हल्की फुल्की बारिश भी नहीं झेल पाती हैं जिले की कई सड़कें, ऐतिहासिक किला रोड बनी तालाब, मरम्मत के बाद एक महीने में टूटी सड़क

जिले के नौगढ़ विकास खंड में सड़कों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। नौगढ़ किला रोड और बकुलपट्टा-गंगापुर मुख्य मार्ग पर गड्ढों की भरमार है।
 

सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क

चंदौली के कई क्षेत्रों में चलना मुश्किल

12 गांवों को जोड़ने वाली कमालपुर-भैंसा सड़क बनी तालाब

ग्रामीणों ने खुद ईंट डालकर भरी कटी सड़क

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में 'मोंथा चक्रवात' के असर से हुई लगातार चार दिनों की बारिश ने सड़कों की कमर तोड़ दी है। सड़कों की हालत इतनी बदतर हो गई है कि जो सड़कें एक महीने पहले मरम्मत की गई थीं, उनकी भी गिट्टियां उखड़ गई हैं। इन क्षतिग्रस्त सड़कों पर गड्ढे बन गए हैं, जिनमें पानी भर जाने से आम लोगों को आवागमन में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

रविवार को धूप निकलने के बावजूद सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी रही।

लाखों का काम बहा पानी में

नगर क्षेत्र में हाल ही में किए गए मरम्मत कार्य भी ध्वस्त हो गए हैं। पीडीडीयू नगर के कालीमहाल, अलीनगर, मुगलचक, नई बस्ती और चंदासी जैसे क्षेत्रों की सड़कों पर जो गड्ढे दुर्गा पूजा के दौरान 'भस्सी' डालकर भरे गए थे, वे जरा सी बारिश के बाद बह गए और सड़कें फिर से गड्ढे से भर गईं। जिले में हाल-फिलहाल बनी कई सड़कों पर बिछाया गया कोलतार पानी के कारण बह गया है, जिससे सड़कें फिर से अपनी पुरानी, खराब दशा में पहुंच गई हैं।

नौगढ़ क्षेत्र में सबसे बुरा हाल

जिले के नौगढ़ विकास खंड में सड़कों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। नौगढ़ किला रोड और बकुलपट्टा-गंगापुर मुख्य मार्ग पर गड्ढों की भरमार है। ऐतिहासिक नौगढ़ किला रोड पर अकेले 150 से अधिक गड्ढे बन गए हैं, और जलभराव के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है। बकुलघट्टा-गंगापुर मार्ग पर बिछी गिट्टियां उखड़ गई हैं, जिससे चलना मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायत के बावजूद न तो मरम्मत हुई और न ही गड्ढे भरे गए हैं। इसके अलावा, करीब तीन किलोमीटर लंबे मझगावां-नर्मदापुर मार्ग पर बने गड्ढों के कारण लोग आए दिन गिरकर घायल हो रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी ध्वस्त

ग्रामीण इलाकों में सड़कें तालाब का रूप ले चुकी हैं। सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र की कमालपुर-भैंसा की छह किलोमीटर लंबी सड़क, जो 12 से ज्यादा गांवों को जोड़ती है, पूरी तरह तालाब में तब्दील हो गई है। यह सड़क तुलसी आश्रम होते हुए जमानिया मार्ग से मिलती है और इसी पर कॉन्वेंट स्कूल, सहकारी समिति, आंगनबाड़ी केंद्र और अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाएं स्थित हैं।

इलिया क्षेत्र के बेन धरौली संपर्क मार्ग से रोहाखी गांव जाने वाली मुख्य मार्ग पर इतने गड्ढे हैं कि यह समझना मुश्किल है कि सड़क गड्ढे में है या गड्ढा सड़क में है। बरसात के पानी से ये गड्ढे भर जाते हैं, जिससे गिरकर लोग चोटिल हो रहे हैं। टांडाकला-बलुआ मुख्य सड़क पर सोनबरसा बाजार के पास लगभग 100 मीटर का हिस्सा पूरी तरह उखड़ गया है।

चहनिया क्षेत्र में भी मजिदहा टांडाकला मार्ग, मधेला-भुपौली नहर मार्ग, टेड़का पुल-कैथी नहर मार्ग, मारूफपुर-नैड़ी रामगढ़ मार्ग सहित अन्य प्रमुख लिंक रोड बड़े-बड़े गड्ढों के कारण आवागमन लायक नहीं रह गए हैं।

ग्रामीणों ने खुद डाली ईंट

शिकारगंज चकिया अहरौरा संपर्क मार्ग से बोदलपुर मार्ग पर जब सड़क कट गई, तो स्थानीय लोगों ने मजबूरी में ईंट के टुकड़े डालकर उसे भरा है। वहीं, कंदवा क्षेत्र के भदखरी गांव को सैयदराजा जमानिया राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाला डेढ़ किलोमीटर का संपर्क मार्ग पिछले तीन वर्षों से मरम्मत के अभाव में बदहाल पड़ा है।

पीडब्ल्यूडी का आश्वासन

इस गंभीर स्थिति पर, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता (प्रांतीय खंड), राजेश कुमार ने कहा कि बरसात से पहले करीब 40 प्रतिशत सड़कों को गड्ढामुक्त किया जा चुका था, लेकिन चार दिनों की बारिश ने उस पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि विभाग नए सिरे से अभियान चलाएगा और सभी क्षतिग्रस्त सड़कों को गड्ढामुक्त किया जाएगा। उन्होंने धीना-डेढ़गांव माइनर पर बनी पुलिया के मामले को संज्ञान में न होने की बात कही और मौके पर जांच कराकर आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है।