..लोग पूछ रहे हैं कि अभी कितने लोगों की जान लेकर शुरू होगा रेलवे ओवर ब्रिज, मिल रही है तारीख-पे-तारीख
 

 

आपने सनी देओल की चर्चित फिल्म दामिनी का वह डॉयलाग तो सुना ही होगा.. जिसमें सनी देओल गुस्से में कहा करता है.. तारीख पे तारीख.. तारीख पे तारीख.. तारीख पे तारीख..। कुछ ऐसा ही आजकल चंदौली जिला मुख्यालय से सकलडीहा रोड को जोड़ने वाले ओवरब्रिज के निर्माण कार्य और उसके शुभारंभ को लेकर हो रहा है। इस ओवर ब्रिज को पूरा करने और इस पर यातायात शुभारंभ करने के लिए लगभग आधा दर्जन से अधिक बार बार समय सीमा निर्धारित की गई, लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया। विभागीय अफसर व ठेकेदार बहाने पर बहाने बनाते रहे और चंदौली जिले की जनता इसका दंश झेलती रही है। वरिष्ठ अधिवक्ता की मौत के बाद लोग कहने लगे कि अभी कितने लोगों की बलि लेने के बाद इस काम को पूरा किया जाएगा। 

कहा जा रहा है कि कभी मंडलायुक्त दीपक कुमार के द्वारा, कभी चंदौली के सांसद व कैबिनेट मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय के द्वारा और कई बार जिलाधिकारी महोदय के द्वारा काम खत्म करने की समय सीमा तय की गयी ताकि इस पर यातायात शुरू हो सके, लेकिन इस ओवरब्रिज का निर्माण अभी जल्द पूरा होने वाला नहीं दिख रहा है। 


31 अगस्त तक पूरा होना था काम


ताजा जानकारी के अनुसार इसके 31 अगस्त तक पूरा हो जाने की उम्मीद जताई जा रही थी और माना जा रहा था कि सितंबर माह में इस पर यातायात चालू हो जाएगा, लेकिन रेलवे क्रॉसिंग पर 36 करोड़ की लागत से बनने वाले पुल पर जल्द यातायात शुरू होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। 


36 करोड़ खर्च करके बन रहा ओवरब्रिज


जिला मुख्यालय के सकलडीहा रोड स्थित रेलवे क्रसिंग पर 36 करोड़ खर्च करके जब पुल बनने की खबर आयी तो लोगों ने सोचा कि अब चंदौली-मझवार रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज न होने से मुख्यालय पर जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। रेलवे फाटक बंद होने से अब लोगों को घंटों जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। व्यापारियों व अधिवक्ताओं, राहगीरों, महिलाओं, छात्र-छात्राओं, वादकारियों के अलावा आलाधिकारियों व आमजन की मुश्किलें कम होंगी लेकिन मनमाने ठेकेदार, उदासीन जनप्रतिनिधि, लापरवाह अफसरों के कारण यह पुल बनता ही नहीं दिखायी दे रहा है। 


2018 से चल रहा है काम


चंदौली जिला मुख्यालय पर लगने वाले जाम की समस्या को देखते हुए रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज निर्माण कराने की मांग की। यह मांग लम्बे समय से की जा रही थी। भाजपा सरकार आने के बाद 2018 में रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई। साथ ही शासन की ओर से 36 करोड़ रुपये बजट भी आवंटित कर दिया गया। इसके बाद ओवरब्रिज निर्माण कार्य की जिम्मेदारी कार्यदाई संस्था सेतु निगम को दी गई। वहीं एक साल में निर्माण कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन निर्माण कार्य की धीमी गति के कारण तीन साल में भी पूरा नहीं हो पाया। 


अगली तारीख का इंतजार


कोरोना के नाम पर इसमें बहानेबाजी की जाती रही तो कभी मौसम का रोना रोया जाती रहा। कहा जाता रहा कि कोरोना की दोनों लहर में लगभग एक साल तक निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप रहा। 
फिलहाल डीएम ने कार्यदायी संस्था को 31 अगस्त तक निर्माण कार्य पूरा करने की हिदायत दी थी। इससे लोगों में पुल की सौगात मिलने की उम्मीद जग गई थी। लेकिन अभी निर्माण कार्य पूर्ण न होने से जनपदवासियों को इंतजार करना पड़ेगा। अब डीएम साहब की अगली तारीख का भी लोगों का इंतजार है।