चंदौली समाचार की खबर का एक और असर, DFO साहब ने रेंजर को फटकार लगाकर दिआ आदेश

यह मामला तब गरमाया जब चंदौली समाचार पर खबर के साथ वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में साफ दिख रहा था कि कुछ लोग झरने के ठीक पास मांसाहारी भोजन बना रहे थे और आग जलाए बैठे थे।
 

चंदौली समाचार की खबर का बड़ा असर

खबर का वीडियो वायरल होते ही विभाग अलर्ट

डीएफओ बी. शिव शंकर ने रेंजर को दी चेतावनी

आग जलाने वाले व नियम न मानने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

चंदौली समाचार की खबर ने बड़ा असर दिखाया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग राजदरी-देवदरी जलप्रपात किनारे सिलेंडर पर मांसाहारी भोजन पकाते दिखाई दिए। यह वीडियो चंदौली समाचार ने दिखाना शुरू किया तो वन विभाग अलर्ट मोड में आ गया। डीएफओ बी. शिव शंकर ने तुरंत एक्शन लेते हुए रेंजर चंद्रप्रभा को कड़ी चेतावनी जारी दी। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं प्राकृतिक धरोहर के लिए खतरा हैं और इन्हें हर हाल में रोका जाएगा।

डीएफओ ने साफ शब्दों में कहा कि राजदरी-देवदरी जलप्रपात केवल पर्यटन स्थल नहीं बल्कि चंदौली जिले की पहचान है। यहां हर साल हजारों सैलानी आते हैं और इस जगह की खूबसूरती को देखने के लिए लंबी दूरी तय करते हैं। ऐसे में आग जलाना या सिलेंडर पर खाना पकाना न सिर्फ हादसे का खतरा बढ़ाता है बल्कि पूरी घाटी के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक स्थल पर फैलाई गई गंदगी, कूड़ा-कचरा और आगजनी से पौधों और जानवरों की प्रजातियों को खतरा पैदा होता है। वन विभाग का दायित्व है कि वह इन संसाधनों की रक्षा करे और भविष्य की पीढ़ियों के लिए इन्हें सुरक्षित रखे।

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 रेंजर चंद्रप्रभा को दिए कड़े आदेश

डीएफओ ने रेंजर को चंद्रप्रभा को  निर्देश दिया है कि  क्षेत्र में लगातार गश्त बढ़ाएं और ऐसे लोगों पर निगरानी रखें जो झरनों के पास बैठकर भोजन बनाते हैं। कहा गया है कि अगर भविष्य में दोबारा आग जलाते या सिलेंडर पर खाना पकाते लोग मिले तो कार्रवाई सीधे रेंजर पर होगी, उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों को भी जागरूक किया जाए ताकि वे पर्यटकों को नियमों की जानकारी दें और खुद भी जिम्मेदारी निभाएं। वन विभाग का यह भी कहना है कि समय-समय पर अभियान चलाकर यहां आने वाले लोगों को नियम समझाए जाएंगे।

वायरल वीडियो से शुरू हुई कार्रवाई

यह मामला तब गरमाया जब चंदौली समाचार पर खबर के साथ वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में साफ दिख रहा था कि कुछ लोग झरने के ठीक पास मांसाहारी भोजन बना रहे थे और आग जलाए बैठे थे। यह वीडियो सामने आते ही लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया कि सुरक्षा व्यवस्था कहां है और गश्त क्यों नहीं हो रही। चंदौली समाचार ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद वन विभाग हरकत में आया और अधिकारियों ने तुरंत मौके का निरीक्षण करवाया। इस कार्रवाई के बाद विभाग ने तय किया कि अब यहां नियमित निगरानी होगी और यदि कोई नियम तोड़ेगा तो सीधे कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पर्यटकों से अपील और जनसहयोग की जरूरत

वन विभाग ने आने वाले सभी पर्यटकों से अपील की है कि वे प्राकृतिक स्थलों की सुंदरता बनाए रखने में विभाग का सहयोग करें। कूड़ा-कचरा फैलाने, प्लास्टिक फेंकने या आग जलाने जैसी गतिविधियां न करें। डीएफओ ने चंदौली समाचार से  कहा कि प्रकृति की रक्षा केवल सरकारी विभाग की जिम्मेदारी नहीं बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। अगर लोग खुद जागरूक रहेंगे तो इस जगह की खूबसूरती लंबे समय तक बनी रहेगी और आने वाली पीढ़ियां भी इसका आनंद ले सकेंगी।

जानिए, नियम तोड़ने पर क्या होगी कार्रवाई

  • आग जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित – झरनों के आसपास अलाव या सिलेंडर पर भोजन बनाना मना है।
  • जुर्माना और केस – वन्य जीव संरक्षण अधिनियम और पर्यावरण कानून के तहत जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
  • गश्त में तेजी – रेंजर को रोजाना गश्त का आदेश, रिपोर्ट सीधे डीएफओ को देनी होगी।
  • स्थानीय लोगों की जिम्मेदारी – ग्रामीणों से अपील कि वे नियम तोड़ने वालों को तुरंत रोकें और सूचना दें।