चंदौली पुलिस पर भ्रष्टाचार का आरोप: मोबाइल चोरी के पीड़ित से वसूली, चौकी इंचार्ज समेत 4 पुलिसकर्मी निलंबित
एसपी आदित्य लांग्हे की जीरो टॉलरेंस नीति
मोबाइल चोरी के पीड़ित से वसूली करना पड़ा महंगा
चौकी इंचार्ज मनोज सिंह समेत चार पुलिसकर्मी निलंबित
चंदौली जिले में पुलिस विभाग के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता पर पुलिस अधीक्षक (एसपी) आदित्य लांग्हे ने बड़ी और सख्त कार्रवाई की है। एसपी ने एक चौकी इंचार्ज सहित दो दरोगा और दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस अधीक्षक की इस सख्ती के बाद जिले भर के पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया है।
आपको बता दें कि यह कार्रवाई एक मोबाइल चोरी के मामले से जुड़ी है, जिसमें निलंबित पुलिसकर्मियों पर पीड़ित से जबरन पैसे की मांग करने और एक बियर शॉप पर ऑनलाइन पैसा डलवाने का गंभीर आरोप था।
बताते चलें कि मामला सामने आने के बाद एसपी ने सीओ सकलडीहा स्नेहा तिवारी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि इन पुलिसकर्मियों ने न केवल पीड़ित से अनुचित धन की मांग की, बल्कि उसे धमकाने और आर्थिक शोषण का प्रयास भी किया। जांच रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि आरोपितों ने विभागीय आचरण नियमों का घोर उल्लंघन किया है।
जांच रिपोर्ट मिलने के बाद एसपी आदित्य लांग्हे ने तत्काल प्रभाव से चौकी इंचार्ज मनोज सिंह, दरोगा संतोष तिवारी और दो अन्य पुलिसकर्मियों (जिनमें प्रबुद्ध भी शामिल हैं) को निलंबित कर दिया।
एसपी ने सख्त संदेश देते हुए स्पष्ट किया कि पुलिस विभाग में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिसकर्मी जनता की सुरक्षा और सेवा के लिए हैं, न कि उनके शोषण के लिए। बताया गया है कि एक पुलिसकर्मी का नशे में होने का वीडियो भी वायरल हुआ था।
एसपी आदित्य लांग्हे ने यह संकेत भी दिए हैं कि भविष्य में किसी भी थाने या चौकी से ऐसी शिकायत मिलने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। आम जनता ने एसपी की इस कार्रवाई की सराहना की है, उनका कहना है कि ऐसे कदमों से पुलिस की साख बहाल होगी और नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा। इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक संदेशात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।