खबर का असर : 4 सदस्यीय टीम पहुंची मढ़िया गांव, बच्चा बेचने के मामले की जांच की शुरू
 

चंदौली जिले के पड़या गांव में पति-पत्नी द्वारा अपने बच्चों को बेचने का मामला चंदौली समाचार के द्वारा उजागर होने के बाद जांच टीम पड़या गांव में पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है।
 

आंगनबाड़ी एवं एएनएम कार्यालय का जांचा रिकॉर्ड

गांव में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू

बच्चा बेचने के मामले में पति-पत्नी को पुलिस ने थाने में बैठाया

 एक निजी अस्पताल के संचालक से भी पूछताछ हुई शुरू

बच्चा बेचने के बड़े रैकेट का हो सकता है खुलासा

कई लोगों के शामिल होने की है आशंका

 

चंदौली जिले के पड़या गांव में पति-पत्नी द्वारा अपने बच्चों को बेचने का मामला चंदौली समाचार के द्वारा उजागर होने के बाद जांच टीम पड़या गांव में पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है। हालांकि जांच टीम के लोग मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे, लेकिन मौके पर मिली जानकारी के अनुसार बच्चा पैदा होने के बाद से गायब है। उसी की अब खोज की जाएगी। 

बता दें कि जैसे ही बच्चा बेचने की खबर चंदौली समाचार पर चली, जिले के अफसरों में हड़कंप मच गया। मामले के मीडिया में आने के बाद अधिकारियों के कान खड़े हो गए और अधिकारी मौके पर जाकर जमीनी हकीकत जानने में जुट गए हैं।

बताया जा रहा है कि मामले में पहले तो उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र तथा एनम कार्यालय के रिकॉर्ड को खगाला गया और सारे सबूत को इकट्ठा करने के बाद आगे की जांच शुरू की गयी। वहीं इस संबंध में जांच अधिकारी द्वारा कुछ भी कहने से इनकार कर दिया गया।  लेकिन चंद्र तारा देवी ने व वहां मौजूद ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गौतम कुमार ने सारे मामले को जांच टीम को बताने के बाद मीडिया को भी बताया।

 इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि पहले भी इनको बच्चा हुआ था, लेकिन वह बच्चा गायब है। वह बच्चा आज की तारीख में कहां है वह किसी को नहीं पता है। ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं बच्चा बेचने जाने की बात सच दिख रही है।  वहीं उन्होंने यह भी बताया कि यह 14 दिन की बच्ची को भी बेचने के लिए जुटे हुए थे। तभी मामला खुल गया। 

<a href=https://youtube.com/embed/GoTWfoyaijA?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/GoTWfoyaijA/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

 इस संबंध में चंद्रतारा देवी ने बताया कि जैसे ही बच्ची पैदा हुई थी तो हमने उसका ब्लॉक पर जाकर फोटो ले लिया था और बेचने की इन लोगों की सेटिंग हो रही थी तो हमने पुलिस को रिपोर्ट की थी। लेकिन सदर कोतवाली प्रभारी द्वारा सहयोग करने के बजाय हमें जबरन थाने में बैठाया गया और कहा गया कि उसका बच्चा है चाहे वह बेच या कुछ भी करें, तुमसे क्या मतलब।  लेकिन ग्राम स्वराज संस्था के लोगों द्वारा महिला का सहयोग किया गया और पुलिस अधीक्षक से सारे मामले को बताया गया तो मामले की जांच शुरू हो गयी है। 

अब देखना है कि अनीता व उसके पति संतोष उर्फ संदीप के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है। जांच करने वाले टीम में जिला बाल कल्याण अधिकारी तथा जिला बाल कल्याण इकाई , बाल कल्याण समिति के साथ-साथ एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा गांव में जाकर मामले की सच्चाई जांच करने की कोशिश की गयी। बताया जा रहा है कि सबूतों एवं बयानों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

वहीं यह भी सुनने में आया है कि इस मामले में निजी अस्पताल के भी किसी शख्स को पुलिस द्वारा उठाकर पूछताछ की जा रही है। वहीं लापता बच्चे की बरामदगी की कार्यवाही में भी चंदौली पुलिस के जुटने की बात कही जा रही है।