जिले में मात्र 36 हॉस्पिटल में है आयुष्मान योजना की सुविधा, 5 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई का नोटिस

जब चंदौली समाचार ने मामले को पकड़ा है तो स्वास्थ्य विभाग के लोग अपनी छवि को बचाने के लिए ऐसे अस्पतालों को नोटिस देने जा रहे हैं, जिसके  कारण स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठना शुरू हो गया है।
 

हॉस्पिटल का रिनुअल न होने पर 5 हॉस्पिटलों पर प्रतिबंध

आयुष्मान योजना के तहत नहीं कर पाएंगे इलाज

CMO ने इस मामले पर साध रखी है चुप्पी

विभागीय गोलमाल पर अक्सर करते हैं  कुछ भी बोलने से इनकार

जानिए किन 5 अस्पतालों को जारी हो रही है नोटिस

चंदौली जिले में स्वास्थ विभाग द्वारा लगातार बिना पंजीकरण के अवैध रूप से संचालित चिकित्सालयों के निशाने पर रखकर कार्रवाई करने का दावा किया जाता रहा है, लेकिन मजे की बात यह है कि सरकारी अफसरों ने जिन जिले के 41 अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना में इलाज करने का लाइसेंस दिया था, उनमें से भी कई अस्पतालों ने गड़बड़ियों के कारण अपना रिनुअल नहीं कराया, लेकिन वहां आज भी धड़ल्ले से आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज करके बिल बनाने की प्रक्रिया जारी है।

जब चंदौली समाचार ने मामले को पकड़ा है तो स्वास्थ्य विभाग के लोग अपनी छवि को बचाने के लिए ऐसे अस्पतालों को नोटिस देने जा रहे हैं, जिसके  कारण स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठना शुरू हो गया है।

सीएमओ तो एक तरफ बिना रजिस्ट्रेशन अस्पतालों को न चलाने का ऐलान करते रहे थे और ऐसे में अगर बिना पंजीकरण के आयुष्मान योजना में सम्मिलित हॉस्पिटल चल रहे हैं तो आप क्या कहेंगे..आयुष्मान योजना को ही लेकर जिले में लूट का खेल धड़ल्ले से जारी है। अस्पताल व अधिकारी एक दूसरे की जेब भरकर खुलेआम लूट का खेल कर रहे हैं।

आप को बता दें कि चंदौली जनपद में कुल 41 हॉस्पिटलों को आयुष्यमान योजना में पिछले साल जोड़ा गया था, लेकिन इनमें से 5 हॉस्पिटल के रिनुअल की कार्यवाही नहीं की गयी, जिससे जिले में केवल मात्र 36 हॉस्पिटलों ही अपना रिनुअल कराकर योजना का लाभ लोगों को देने के काबिल पाए गए। जिसके कारण इन 5 अस्पतालों को सील कर देना चाहिए था, लेकिन विभागीय अधिकारी इन पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए हुए हैं।

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 जनपद में पांच ऐसे हॉस्पिटल हैं  जिनका रिनुअल ना होने के कारण अवैध हो गए हैं ऐसे हॉस्पिटलों द्वारा लगातार आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक तक नहीं लग पा रही है। जैसे ही स्वास्थ्य विभाग को इस बात की भनक लगी कि मीडिया को इस कारनामे का पता चल गया है तो अस्पताल संचालक पहले तो मीडिया कर्मियों को गुमराह करने का काम किया, वहीं विभाग द्वारा मिलजुल कर जल्द से  अपना नाम सम्मिलित करने में जुट गए हैं। ऐसा ही मामला  जिले के इन पांच हॉस्पिटल्स में देखने को मिल रहा है...

1.. जिला मुख्यालय पर स्थित साई शैलजा नर्सिंग होम, जिसका हॉस्पिटल आईडी HOSP9P63257 है।
2.  अग्रवाल सर्जिकल हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर, गौड़िया मठ सुभाष नगर डीडीयू नगर , जिसका हॉस्पिटल आईडी HOSP9P100926 है ।
3. आनंद नेत्रालय राम मंदिर ईस्टर्न बाजार मुगलसराय,  जिसका हॉस्पिटल आईडी HOSP9P122564 है ।
4. डॉ वीरेंद्र प्रताप हॉस्पिटल वार्ड नंबर 9 चकिया चंदौली, जिसका हॉस्पिटल आईडी HOSP9P133899 है।
5. मेडविन हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर, दांडी करवत जीटी रोड चंदौली, जिसकी हॉस्पिटल आईडी HOSP9P128213 है।

इन सभी हॉस्पिटलों का नवीनीकरण ना होने के कारण सभी को आयुष्मान योजना से डिबार हो जाना चाहिए था, लेकिन विभाग की लापरवाही एवं इन हॉस्पिटलों पर विभाग की कृपा दृष्टि होने के कारण इन पर स्थित कोई कार्यवाही नहीं हुई।

जब इस मामले को चंदौली समाचार के माध्यम से प्रकाश लाया गया तो आनन-फानन में इन हॉस्पिटलों पर कार्यवाही करने के नाम पर इन्हें नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई, लेकिन इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर युगल किशोर राय से बातचीत की गयी तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और कहा कि मामले को पता करके ही बताया जा सकता है।

 इस संबंध में जब आयुष्मान के नोडल एवं डिप्टी सीएमओ अमित दुबे से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि रिनुअल ना होने वाले पांच हॉस्पिटलों को नोटिस जारी की गई है। जब इस मामले की रियलिटी चेक करने के लिए  चंदौली समाचार की टीम द्वारा साईं शैलजा हॉस्पिटल पहुंची गया तो वहां तो पहले तो हॉस्पिटल संचालक व डॉक्टर मौके पर नहीं मिले, लेकिन आयुष्मान मित्र मिला तो उसने बताया कि हॉस्पिटल का रिनुअल हो चुका है और आयुष्मान योजना का कार्य किया जा रहा है, लेकिन इस मामले में जैसे ही विभाग से संपर्क किया गया तो विभाग द्वारा बताया गया कि अभी तक हॉस्पिटल का रिनुअल नहीं हुआ है । रिनुअल की प्रक्रिया बंद हो जाने के कारण हॉस्पिटल को पुनः नवीन रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा, तभी वह दोबारा से इस योजना में शामिल हो पाएंगे।

आयुष्मान के डिस्टिक प्रोग्रामर से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि साईं शैलजा हॉस्पिटल द्वारा अब तक 756 मरीजों का इलाज किया गया है, जिसमें अब तक 81 लाख 33 हजार रुपए का इस हॉस्पिटल को भुगतान कराया गया है।

अब ऐसे में इन हॉस्पिटलों के ऊपर कौन कार्यवाही करेगा जो कि रिनुअल ना होने के बाद भी आयुष्मान योजना के धन का बंदरबांट कर योजना को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग को जैसे ही इस खबर की जानकारी हुई तो स्वास्थ्य विभाग भी आनन-फानन में इन हॉस्पिटलों को नवीनीकरण के स्थान पर नया पंजीकरण देने का कार्य धड़ल्ले से करके अपना मुसीबत दूर करने में जुट गया है।