चंदौली में बिना पंजीकरण वाले निजी होम्योपैथिक अस्पताल और मेडिकल स्टोर होंगे बंद, एक्शन की तैयारी में साहब

जिले में अनुमानित 200 से अधिक निजी चिकित्सालय और मेडिकल स्टोर हैं, जिनमें कई बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। प्रशासन और विभाग को इस संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
 

अब सावधान हो जाएं अवैध होम्योपैथिक अस्पतालों चलाने वाले

बिना पंजीकरण और लाइसेंस के चल रहे मेडिकल स्टोरों पर एक्शन

ब्लॉकवार गठित टीम करेगी जांच और रिपोर्टिंग

अवैध अस्पताल और स्टोर बंद कराने की कार्रवाई

चंदौली जिले में बिना पंजीकरण और लाइसेंस के संचालित हो रहे निजी होम्योपैथिक अस्पताल और मेडिकल स्टोर (दवा बिक्री केंद्र) को बंद करने के लिए प्रशासन ने ठोस कदम उठाए हैं। इसके लिए ब्लॉकवार होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों की टीम गठित की गई है।

आपको बता दें कि टीम अपने-अपने ब्लॉक में पंजीयन के बिना संचालित अस्पताल और दवा बिक्री केंद्रों की सूची तैयार करेगी और उसे प्रति माह जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को रिपोर्ट करेगी। जिले में अनुमानित 200 से अधिक निजी चिकित्सालय और मेडिकल स्टोर हैं, जिनमें कई बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। प्रशासन और विभाग को इस संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही थीं।

पंजीकरण की प्रक्रिया आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत संचालित है। निजी चिकित्सक अब जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी कार्यालय में अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। पंजीकरण कराने से पहले हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (एचपीआर) आईडी अनिवार्य कर दी गई है। पंजीकरण अब पांच वर्ष के लिए वैध होगा, जबकि पहले यह केवल एक वर्ष के लिए था।

ब्लॉकवार गठित टीम का नेतृत्व निम्नलिखित चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है:

  1.     चंदौली: डॉ. दिग्विजय नाथ प्रजापति
  2.     सकलडीहा: डॉ. तेजभान पटेल
  3.     नियामताबाद: डॉ. सुनीता भारती व डॉ. रामजनम पाल
  4.     चकिया: डॉ. रूपेश कुमार सिंह व डॉ. सनत कुमार
  5.     नौगढ़: डॉ. रचना यादव
  6.     बरहनी: डॉ. धर्मदेव प्रसाद कुशवाहा
  7.     चहनियां: डॉ. राजेन्द्र प्रसाद रजक
  8.     धानापुर: डॉ. शिवाजी गौड़
  9.     शहाबगंज: डॉ. विजय कुमार

प्रशासन का कहना है कि बिना पंजीकरण और लाइसेंस संचालित अस्पताल और मेडिकल स्टोरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्हें बंद कर दिया जाएगा।