ऐसे चल रहा है चंदौली में 15-18 साल के लोगों का टीकाकरण अभियान, ऐसी है तैयारी
 

चंदौली जिले में 15 साल से 18 साल के युवा छात्र छात्राओं के टीकाकरण का कार्यक्रम जारी है और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इसके लिए कॉलेजों में कैंप लगाकर टीकाकरण का कार्य कराया जा रहा है।
 

ऐसे चल रहा है चंदौली में 15-18 साल के लोगों का टीकाकरण अभियान 

20 जनवरी तक चलेगा अभियान

इसके बाद नहीं मिलेगा टीकाकरण का मौका

 स्कूल-कॉलेजों में लग रहे हैं स्पेशल कैंप
 

चंदौली जिले में 15 साल से 18 साल के युवा छात्र छात्राओं के टीकाकरण का कार्यक्रम जारी है और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इसके लिए कॉलेजों में कैंप लगाकर टीकाकरण का कार्य कराया जा रहा है। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग ने 20 जनवरी तक सभी छात्र छात्राओं के टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने का समय निर्धारित किया है और इसके लिए स्पष्ट संकेत दिए हैं कि 20 जनवरी के बाद इसकी समय सीमा में कोई विस्तार नहीं किया जाएगा इसीलिए जिला प्रशासन ने बंद किए गए स्कूलों में भी टीकाकरण के कैंप लगाएं हैं। साथ ही साथ मोबाइल बूथ और टीमों का गठन कर कर 15 साल से 18 साल के लोगों को टीकाकरण कराने के लिए सुविधा मुहैया करा रहा है।

 आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग को हर हाल में 20 जनवरी तक टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है। इसीलिए स्कूलों में स्पेशल कैंप लगाकर छात्र और छात्राओं का टीकाकरण कराया जाएगा। अगर चंदौली जिले के कोविड टीकाकरण के रिकॉर्ज को देखें तो जनपद में कुल 14 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है, जबकि दूसरी डोज लेने वाले लोगों की संख्या केवल पांच लाख के आसपास बताई जा रही है।

 ऐसे में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के पास एक तगड़ी चुनौती है कि एक ओर जहां उन्हें दूसरी डोज लेने वालों की संख्या को भी बढ़ाना है तो वहीं नौजवानों को टीकाकरण अभियान में जोड़ना है। 

चंदौली जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद युवाओं में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है और टीकाकरण के तीसरे दिन बुधवार को 4500 छात्र-छात्राओं ने टीकाकरण कराया है।

 इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीपी द्विवेदी ने कहा कि गुरुवार से इंटर कॉलेजों में कैंप लगाकर टीकाकरण कराने की रणनीति बनी है, जहां पर 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण कराया जाएगा। इसके लिए कालेज में एक चिकित्सक और एक एंबुलेंस की व्यवस्था कराई गई है, ताकि बच्चों को किसी तरह की परेशानी होने पर उन्हें तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर के उपचार कराया जा सके।