खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना का नहीं है प्रचार प्रसार, कैसे किसानों को मिलेगा लाभ
फसल जलने की घटनाएं बढ़ीं
चंदौली में मुआवजे का एक भी आवेदन नहीं
अब अधिकारी भी कान में तेल डालकर बैठे
कहां जाती है लेखपाल की रिपोर्ट
चंदौली जिले में गर्मी बढ़ने के साथ जिले में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। इस दौरान जिले की सभी तहसीलों में कई किसानों की फसलें राख हो चुकी हैं। लेकिन मजे की बात यह है कि खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना की जानकारी के अभाव में मुआवजे के लिए अभी तक किसी ने आवेदन नहीं किया। कृषि उत्पादन मंडी समिति कार्यालय में मुख्यमंत्री खेत खलिहान अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना का लाभ लेने के लिए एक भी आवेदन नहीं आया।
आपको बता दें कि खेतों में गेहूं की फसल कट रही है। आग लगने से बीते दस दिनों में हेतिमपुर, चुप्पेपुर, चकिया, पड़ाव, चहनिया, कंदवा, इलिया में आग लगने 30 से 40 बीघा गेहूं की फसल राख हो चुकी है। भाजपा और विरोधी दलों के कई नेता भी मौके पर जाकर चुनावी सीजन में आश्वासन दे आए हैं। साथ ही मौके पर पहुंचा लेखपाल भी रिपोर्ट देकर मदद की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
बताते चलें कि फसल जलने पर किसानों को कृषि उत्पादन मंडी समिति की ओर से मुआवजा का प्राविधान है। खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के तहत 2.5 एकड़ से कम भूमि वाले किसान को 30 हजार, 2.5 एकड़ पांच एकड़ तक भूमि वाले किसान को 40 हजार, पांच एकड़ जमीनवाले किसान को 50 हजार का मुआवजा का प्राविधान है।