CRPF जवानों ने लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प, जंगल में जाकर रोपेंगे 5 हजार पौधे

सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि इस पौधरोपण अभियान में स्थानीय लोगों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है ताकि समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैले और संरक्षण की संस्कृति विकसित हो।
 

चकिया CRPF ग्रुप सेंटर पर तिरंगा फहराकर किया वृक्षारोपण

पहाड़ियों को हरा-भरा बनाने की पहल

582 नव आरक्षियों ने लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

पर्यावरण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने का प्रयास

चंदौली जिले के चकिया में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनुकरणीय पहल करते हुए चकिया स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर मंगलवार को नव चयनित जवानों ने पांच हजार पौधे लगाने का संकल्प लिया। इस दौरान जवानों ने न सिर्फ पहाड़ी पर तिरंगा फहराया, बल्कि विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाकर समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने का संदेश भी दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत सेंटर परिसर में हुई, जिसमें सीआरपीएफ के पुलिस उपमहानिरीक्षक राकेश कुमार सिंह और कमांडेंट पीके सिंह ने जवानों को संबोधित करते हुए पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रकृति का संरक्षण करना हम सभी का उत्तरदायित्व है और वृक्षारोपण इसका सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।

सामूहिक रूप से पौधरोपण कर लिया संरक्षण का संकल्प
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस में चयनित 582 नव आरक्षियों को चकिया ग्रुप सेंटर में नौ महीने का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के पहले दिन जवानों ने ग्रुप सेंटर के सामने स्थित पहाड़ी क्षेत्र में सामूहिक रूप से पौधे लगाए और उनकी देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं ली।

तिरंगा फहराकर शुरू हुआ अभियान
पौधरोपण कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज फहराकर की गई। इसके बाद प्रशिक्षु आरक्षियों ने एक-एक कर पौधे रोपे और संकल्प लिया कि वे न केवल इन पौधों की देखभाल करेंगे, बल्कि समाज में भी पर्यावरण के प्रति चेतना फैलाएंगे।

हरियाली बढ़ाने की विस्तृत योजना
सिर्फ एक पहाड़ी तक सीमित न रहकर, सीआरपीएफ ने आस-पास की अन्य पहाड़ियों को भी हरियाली से आच्छादित करने की योजना बनाई है। इसके लिए विभागीय समन्वय के साथ विस्तृत रणनीति तैयार की जा रही है।

समाज के प्रति दायित्व बोध की सीख
सीआरपीएफ अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण सिर्फ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नागरिक दायित्वों को समझाने और निभाने की भी शिक्षा देता है। इसी भावना के तहत जवानों को प्रकृति प्रेम और संरक्षण का पाठ पढ़ाया जा रहा है।

प्रशिक्षण में विधिक और सामाजिक विषय भी शामिल
नव आरक्षियों को प्रशिक्षण के दौरान कानून-व्यवस्था, दंगा नियंत्रण, नक्सलवाद से निपटने की रणनीति, प्रशासनिक कार्यशैली, कर्तव्य और अनुशासन जैसे विषयों की गहन जानकारी दी जा रही है।

जनसहभागिता से बढ़ेगा अभियान
सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि इस पौधरोपण अभियान में स्थानीय लोगों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है ताकि समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैले और संरक्षण की संस्कृति विकसित हो।