चंदौली में खतरे को दावत दे रहे हैं कई निर्माणाधीन पुल और जर्जर पुलिया, जानलेवा हादसे का बन सकते हैं कारण

पुल निर्माण नहीं होने पर क्षेत्र के लोगों को कई किमी का चक्कर काटकर अहरौरा और मिर्जापुर तक आवागमन करना पड़ता है। वहीं जिले से सटे मिर्जापुर के लोगों को भी चंदौली आने में परेशानी होती है।
 

जिले के गरई नदी का निर्माण कार्य 10 साल में भी पूरा नहीं

कई जगहों पर रेलिंग विहीन पुलिया पर होती रहती हैं घटनाएं

टूटी रेलिंग का निर्माण नहीं होने से लोगों को दिक्कत

चंदौली जिले में निर्माणाधीन पुल और जर्जर पुलिया जानलेवा बन चुके है। विभागीय लापरवाही के करण चकिया क्षेत्र के गरई नदी पर बने रहे पुल का निर्माण कार्य दस साल बाद भी पूरा नहीं हो सका। इसके अलावा बबुरी, धीना और शहाबंगज क्षेत्र के कई पुलिया रेलिंग विहिन है। जिसपर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। जबकि बरेली में गूगल मैप के माध्यम से निर्माणाधीन पुल से कार सवार तीन युवकों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारी मौन धारण किये हुए है।

आपको बता दें कि चकिया से अहरौरा (मिर्जापुर) को जोड़ने वाला निर्माणाधीन पुल आठ साल बाद भी अधूरा है। शिकारगंज के पास गरई नदी पर लगभग चार करोड़ की लागत से आठ साल से पुल का निर्माण चल रहा है। नक्सल क्षेत्र में आवागमन की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए साल 2016 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत शहाबगंज में कर्मनाशा नदी पर और शिकारगंज के पास गरई नदी में दो पुलों के निर्माण की स्वीकृति शासन से मिली थी। दोनों पुलों का काम भी शुरू और शहाबगंज का पुल बनकर तैयार होने के साथ आवागमन भी शुरू हो गया, लेकिन गरई नदी का पुल अब तक लटका हुआ है। वहीं 2017 के बाद पुल का निर्माण धन के अभाव में लटक गया। बाद में शासन से धन मिलने पर काम शुरू हुआ तो कोरोना काल के चलते लटक गया। इसके बाद तब से आधा-अधूरा पुल हवा में लटका हुआ है। पुल निर्माण नहीं होने पर क्षेत्र के लोगों को कई किमी का चक्कर काटकर अहरौरा और मिर्जापुर तक आवागमन करना पड़ता है। वहीं जिले से सटे मिर्जापुर के लोगों को भी चंदौली आने में परेशानी होती है।

बताते चलें कि धीना प्रतिनिधि के अनुसार धीना जमानिया मार्ग से जुड़े नूरी गांव जाने वाले पुलिया पर रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे ग्रामीणों को पुलिया से आवागमन करने में संभावित घटना होने का अंदेशा बना रहता है।

इस संबंध में समाजसेवी अरविंद सिंह ने बताया कि पुलिया पर रेलिंग लगाने के लिए कई बार मांग किया गया, लेकिन आजतक समस्या दूर नहीं किया गया।

क्षतिग्रस्त पुलिया हादसे का बन सकती है कारण

शहाबगंज के शेरवां-अमांव माईनर पर पडरिया गांव के समीप स्थित पुलिया पिछले कई साल से क्षतिग्रस्त है। पुलिया की नींव पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है। नींव जीर्ण-शीर्ण है। उक्त पुलिया से होकर मनकपड़ा, सलया, विष्णुपुरवा, पड़रिया, सिहर सहित दर्जनों गांव के लोग विकास खण्ड कार्यालय शहाबगंज व चकिया तहसील मुख्यालय पर आवागमन करते है।

टूटी रेलिंग का निर्माण नहीं होने से लोगों को दिक्कत

बबुरी क्षेत्र के पचवनिया से गौरी राजबहा माइनर पर स्थित भैसही गांव स्थित पुलिया की रेलिंग लंबे समय से टूटी है। ग्रामीणों ने बताया कि यह पुलिया पचवनिया से गौरी राजबहा होते हुए चंद्रप्रभा नदी को जोड़ती है। लेकिन कई महीनों से इसकी रेलिंग क्षतिग्रस्त है। जबकि इस मार्ग पर दिनभर वाहनों का आना-जाना लगा रहता है, और स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों को ले जाने वाले वाहन भी इसी पुलिया से गुजरते हैं।

इस संबंध में अधिशासी अभियंता कृष्ण कुमार ने बताया कि शिकारगंज गरई बन रहे पुल नदी पर बन निर्माण में अभी देरी हो सकती है। कारण लगभग 10 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। सर्किल कार्यालय वाराणसी में परीक्षण का कार्य चल रहा है। वही पुल के अप्रोच का काम लगभग 50 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। 18 मीटर की दो स्लैब बन गये हैं। एक स्लैब बनाया जाएगा।