DM साहब जरा इस तरह की समस्या भी देखने ऑफिस से बाहर निकलिये, सहकारी समितियों पर ताला, 7 दिन से नहीं मिल रही खाद

किसानों का कहना है कि रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बोवाई के लिए डीएपी की सख्त जरूरत है। एडीओ कोऑपरेटिव शरद कुमार ने बताया कि 6 सहकारी समितियों पर प्रथम चक्र के डीएपी का वितरण किया गया 
 

गेहूं की बुआई के पीक सीजन में नहीं मिल रही डीएपी

किसानों को गेहूं की बुआई करने में हो रही परेशानी

डीएपी के नहीं पहुंचने से किसानों में आक्रोश

चंदौली जिले में धान की कटाई और मड़ाई के साथ ही गेहूं की बुआई का काम भी तेज हो गया है। खेतों की सिंचाई के बाद बुआई के लिए अब किसान गेहूं और बीजों के इंतजाम जुटे हुए हैं। लेकिन हाल यह है कि जिले की सहकारी समितियों से उर्वरक गायब है। ज्यादातर समितियों पर ताला लटका हुआ है। किसान समितियों पर पहुंचकर वापस हो जा रहे हैं। इससे उनमे आक्रोश है।

आपको बता दें कि कृषि विभाग का कहना है कि खाद के लिए डिमांड की गई है। जिले में खाद की रैंक आते ही उसका वितरण शुरू करा दिया जाएगा।

बताते चलें कि सकलडीहा प्रतिनिधि के अनुसर, क्षेत्र में किसान डीएपी खाद की भारी किल्लत से जूझ रहे है। विकास खंड के तेरह न्याय पंचायत धरहरा, सलेमपुर, बचावर, तेन्दुई, सकलडीहा, भोजापुर, बढ़वलडीह, गोकुलपुर, दिघवट, डिग्धी, संघती और नोनार है। प्रत्येक समितियों पर 15-15 टन खाद वितरण करने का विभाग की ओर से दावा किया जा रहा है। वहीं किसान खाद के लिए चक्कर काट रहे हैं। 

इस संबंध में किसान बीएल सिंह, घनश्याम सिंह, पनारू सिंह, मिंटू सिंह ने आरोप लगाया कि साधन सहकारी समितियों के सचिव और लेखपालों की मनमानी से किसान परेशान है। इस बाबत एडीओ कोपरेटिव आशीष कुमार सिंह ने बताया कि जो रैंक आई थी उसका वितरण किया गया है। 130 टन खाद की डिमांड भेजी गई है।

चहनियां प्रतिनिधि के अनुसार, चहनियां क्षेत्र के साधन सहकारी समिति पर खाद व यूरिया नदारद है। जो खाद व यूरिया आ भी रही है वह आधार कार्ड के घनचक्कर में किसान समितियों के चक्कर काट रहे है। थोड़ बहुत खाद आ भी रही है तो मानो लूट मची हुई है। कैथी, गुरेरा, समुदपुर, टाण्डा, नादी, रामगढ, मोहरगंज, कैलावर आदि समितियों पर खाद नदारद है। समिति पर खाद न होने के कारण ताला लटका हुआ है।

शहाबगंज प्रतिनिधि के अनुसार, विकास खण्ड के विभिन्न सहकारी समितियों पर डीएपी खाद उपलब्ध है। डीएपी की उपलब्धता से परेशान किसानों को राहत मिलेगी। वहीं खरौझा क्षेत्रीय सहकारी समिति पर खाद उपलब्ध न होने से किसानों में काफ़ी नाराजगी व्याप्त है। इस सम्बंध में एडीओ कोआपरेटिव सुनील कुमार पाल ने कहा कि शहाबगंज समिति पर तीन सौ बोरी तथा सिंगरौल समिति पर छः सौ बोरी डीएपी खाद उपलब्ध है। इलिया सहकारी समिति पर तीन सौ बोरी खाद उपलब्ध है तथा खरौझा क्षेत्रीय सहकारी समिति पर जल्द से जल्द खाद उपलब्ध कराई जाएगी।


समितियों पर सात दिन से नहीं मिल रही खाद

चकिया में सहकारी समितियों पर डीएपी उर्वरक की किल्लत के चलते रवि की खेती प्रभावित हो रही है। किसान डीएपी के लिए क्रय केंद्रों का चक्कर लगाकर बैरंग वापस लौट जा रहे हैं। डीएपी की उपलब्धता नहीं होने से किसान और क्रय केंद्र प्रभारियों से आए दिन नोंकझोंक की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। पिछले एक सप्ताह से किसान सेवा सहकारी समिति उत्तरौत, क्रय केंद्र सहदुल्लापुर चकिया, सिकंदरपुर और शिकारगंज सहित अन्य समितियों पर डीएपी के नहीं पहुंचने से किसानों में आक्रोश व्याप्त है।

किसानों का कहना है कि रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बोवाई के लिए डीएपी की सख्त जरूरत है। एडीओ कोऑपरेटिव शरद कुमार ने बताया कि 6 सहकारी समितियों पर प्रथम चक्र के डीएपी का वितरण किया गया था। बताया दो दिन के अंदर डीएपी की फिर रैक आ रही है, जो किसानों में वितरित की जाएगी।