बेमौसम बारिश से किसान हैं परेशान, बढ़ेगी धान की नमी तो केन्द्रों पर होगी किचकिच
धान खरीद में आई है थोड़ी सी तेजी
किसानों को 120 करोड़ रुपए का हुआ है भुगतान
सरकारी अफसर कर रहे हैं दावा
चंदौली जिले में बुधवार की सुबह हुई बेमौसम बारिश के चलते क्रय केंद्रों पर कुछ समय के लिए खरीद प्रभावित हुई। दोपहर बाद मौसम साफ होने से खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन धान की नमी बढ़ने से किसानों व केन्द्र के लोगों में किचकिच बढ़ने की उम्मीद है।
विभागीय अधिकारी क्रय केंद्रों से धान खरीद व बारिश से भींगने के कारण होने वाली क्षति के संबंध में फीड बैक लिया गया। इसके साथ ही क्रय केंद्रों पर पर्याप्त तिरपाल और प्लास्टिक का इंतजाम कर खुले में रखे गए धान को ढक कर रखने का निर्देश दिए गए।
बताते चलें कि जिले में अब तक दस हजार किसानों से 77 हजार एमटी धान की खरीद कर ली गई है। क्रय केंद्रों से करीब 41 हजार एमटी उठान भी कर लिया गया है। धान खरीद का 120 करोड़ रुपया भुगतान भी किसानों को कर दिया गया है। जिले में शासन की ओर से धान खरीद के लिए 2.50 लाख एमटी लक्ष्य रखा गया। वहीं समर्थन मूल्य 2183 रुपया निर्धारित है। इसके लिए जिले के सभी तहसीलों में विभिन्न एजेंसियों के कुल 151 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं।
इन केंद्रों पर एक नवंबर से ही धान की खरीद की प्रक्रिया शुरू की गई है। लेकिन धान की फसल तैयार नहीं। होने के कारण नवंबर के दूसरे सप्ताह तक खरीद की स्थिति शून्य रही। मौसम में कुछ परिवर्तन होने और खेत सूखने के बाद किसान धान की कटाई करने के साथ अपने उपज को लेकर क्रय केंद्र पर पहुंचे तो धान खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई। तभी बेमौसम बारिश से धान की कटाई प्रभावित हो गई। इससे क्रय केंद्रों पर धान की खरीद भी धीमी पड़ गई। लेकिन मौसम साफ होने साथ ही धान खरीद में तेजी आयी है।
लेकिन एक बार फिर बेमौसम बारिश से धान खरीद की गति धीमी पड़ गई। हालांकि मौसम साफ होने के बाद खरीद प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। बीते मंगलवार तक जिले में 10 हजार 232 किसानों से 77 हजार 110 एमटी धान की खरीद कर ली गई है। इसमें 168 करोड़ के सापेक्ष 120 करोड़ रुपया किसानों को भुगतान भी कर दिया गया है।
वहीं क्रय केंद्रों से 41 हजार एमटी धान का उठान भी कर लिया गया है। बुधवार को जिला खाद्य विपणन अधिकारी क्रय केंद्रों से धान खरीद साथ ही बारिश के चलते कहीं धान के भींगने की फीड बैक लेते रहे। साथ ही क्रय केंद्र प्रभारियों को पर्याप्त तिरपाल और प्लास्टिक की व्यवस्था कर खुले में रखे गए धान को ढक कर रखने का निर्देश दिया। ताकि बेमौसम बारिश से किसानों का धान भींगने न पाए और नुकसान न हो सके।