प्रशासनिक जज नलिनकांत श्रीवास्तव के सामने उठा जिला न्यायालय का मुद्दा

चंदौली के अधिवक्ताओं को बताया गया कि प्रस्तावित जिला न्यायालय भवन के मानचित्र में पार्किंग को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आपत्ति लगाई गयी है, जिसकी वजह से निर्माण में विलंब हो रहा है।
 

जिला न्यायालय भवन के मैप में लगा नया पेंच

पार्किंग को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की आयी आपत्ति

अब कुछ और दिनों तक लटकेगा मामला

चंदौली जिले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश और चंदौली के प्रशासनिक जज नलिनकांत श्रीवास्तव आए हुए थे। तो शनिवार को उनके जनपद दौरे के दौरान मुख्यालय स्थित डाक बंगले पर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की। इस दरमियान चंदौली के अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय निर्माण के मुद्दे को एक बार फिर प्रशासनिक जज के समक्ष उठाया और तत्काल इसके निर्माण की आवश्यकताओं पर बल दिया। साथ ही अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय भवन निर्माण की प्रगति जाननी चाही।

इस मौके पर डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन के महामंत्री झन्मेजय सिंह ने कहा कि तमाम संघर्षों के बाद भी न्यायालय निर्माण में लगातार बाधाएं पैदा की जा रही है, जिससे अधिवक्ता व वादकारियों को प्रतिदिन तमाम तरह की दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस दौरान प्रशासनिक जज द्वारा चंदौली के अधिवक्ताओं को बताया गया कि प्रस्तावित जिला न्यायालय भवन के मानचित्र में पार्किंग को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आपत्ति लगाई गयी है, जिसकी वजह से निर्माण में विलंब हो रहा है। इसमें हाईकोर्ट के स्तर से प्रयास निरंतर जारी है, ताकि आपत्ति का निस्तारण कराकर जिला न्यायालय निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया जा सके।

महामंत्री झन्मेजय सिंह ने कहा कि पूर्व में भी कई बार शासन के स्तर पर मानचित्र का परीक्षण किया जा चुका है। धन आवंटन भी हो चुका है। पूर्व में अधिवक्ताओं को यह जानकारी दी गयी कि शासन-प्रशासन स्तर से कोई भी प्रक्रिया लंबित नहीं है। आरोप लगाया कि जान-बूझकर चंदौली के प्रगति को बाधित करने की नियत ने कुछ तथाकथित उच्च अधिकारी इस मामले को लंबित कर रहे हैं, जो कहीं से भी उचित नहीं है। ऐसे में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का यह दायित्व बनता है कि जल्द से जल्द शासन स्तर पर लगी हुई आपत्ति को निस्तारित कराकर न्यायालय निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। अधिवक्ता समाज की यही मांग है।

कहा कि अधिवक्ताओं के लम्बे संघर्ष के बाद न्यायालय का मुद्दा यहां तक पहुंचा है। बावजूद इसके अब जानबूझ कर स्थगित करने का षड्यंत्र हो रहा है। यदि जल्द मामले में सार्थक पहल नहीं हुई तो जनप्रतिनिधियों के साथ ही सरकार को अधिवक्ताओं का विरोध झेलना पड़ेगा।

इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार अध्यक्ष शैलेन्द्र प्रताप सिंह, सिविल बार एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश रत्न तिवारी, हरेंद्र प्रताप सिंह, अनिल कुमार सिंह, संतोष सिंह, पंचानन पांडेय, महेंद्र यादव, योगेश सिंह लड्डू, अभिनव आनंद सिंह आदि उपस्थित रहे।