चंदौली के लापरवाह CDPO पर बरसे डीएम चंद्र मोहन गर्ग, कुपोषण अभियान में सुस्ती पर 3 को अल्टीमेटम, इन पर गिरेगी गाज
जिला पोषण समिति की बैठक में खराब प्रदर्शन करने वाले सीडीपीओ पर गाज गिरी है। डीएम ने लक्ष्य पूरा न होने तक अधिकारियों को रोजाना कार्यालय बुलाने और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सैम-मैम बच्चों की पहचान कर एनआरसी में भर्ती करने के निर्देश
बरहनी, चहनिया और धानापुर सीडीपीओ का प्रदर्शन मिला खराब
खराब रैंकिंग वाले अधिकारियों को 15 दिन का मिला अल्टीमेटम
गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण और पोषण पोटली पर विशेष जोर
ई-कवच सर्वे और पोषण ट्रैकर की हुई गहन समीक्षा
चंदौली जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सरकार और प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियानों में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सोमवार को कलेक्टरेट सभागार में आयोजित जिला पोषण/कन्वर्जेन्स समिति की समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग का सख्त तेवर देखने को मिला। डीएम ने विभागीय लक्ष्यों को पूरा न करने और खराब रैंकिंग पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए।
खराब प्रदर्शन पर डीएम का कड़ा फैसला
बैठक के दौरान जब विकास खंडों की प्रगति रिपोर्ट सामने आई, तो सीडीपीओ (CDPO) बरहनी, चहनिया और धानापुर का प्रदर्शन सबसे निचले स्तर पर पाया गया। इस पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी (CDO) आर जगत साईं को स्पष्ट निर्देशित किया कि इन तीनों सीडीपीओ को प्रतिदिन अपने कार्यालय बुलाएं और तब तक उनसे कार्य कराएं जब तक कि निर्धारित लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। डीएम ने चेतावनी दी कि यदि अगले 15 दिनों में सुधार नहीं दिखा, तो कड़ी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
कुपोषित बच्चों की पहचान और इलाज पर जोर
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य और बाल विकास विभाग के अधिकारियों को मिशन मोड में काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सैम (SAM) और मैम (MAM) श्रेणी के कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। पहचान होने के बाद उन्हें तत्काल एनआरसी (NRC) केंद्र में भर्ती कराकर उनका इलाज सुनिश्चित किया जाए। लक्ष्य यह है कि आगामी तीन महीनों के भीतर इन बच्चों को सामान्य स्वास्थ्य श्रेणी में लाया जा सके।
योजनाओं में पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी
डीएम गर्ग ने आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पोषण पोटली का वितरण और हॉट कुक्ड मील का वितरण समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से होना चाहिए। ई-कवच सर्वे और पोषण ट्रैकर पोर्टल पर फीडिंग की सुस्त रफ्तार पर उन्होंने नाराजगी जताई और इसे जल्द से जल्द अपडेट करने के निर्देश दिए।
समन्वय से ही मिलेगा परिणाम
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि कुपोषण को खत्म करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसमें किसी भी स्तर पर ढिलाई अक्षम्य होगी। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वाई के राय और जिला विकास अधिकारी को आपसी समन्वय के साथ टीकाकरण और स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित करने को कहा। बैठक में जिले के तमाम आला अधिकारी उपस्थित रहे, जिन्हें स्पष्ट संदेश दिया गया कि परफॉर्मेंस ही सेवा का पैमाना होगा।