चंदौली में जल संरक्षण पर DM साहब का जोर, 50 लघु तालाबों की खुदाई की योजना
जिला भूमि एवं जल संरक्षण समिति की मीटिंग
जिला मिशन समिति से जुड़े लोग रहे मौजूद
तालाब खुदवाने वाले किसानों को 2 किस्तों में 50 प्रतिशत का अनुदान
चंदौली जिले में जल संरक्षण और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रशासन ने इस वर्ष 50 लघु तालाबों की खुदाई का लक्ष्य तय किया है। इस दिशा में शनिवार को जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला भूमि एवं जल संरक्षण समिति और जिला मिशन समिति की बैठक हुई। इस बैठक में बीते वित्तीय वर्ष की प्रगति की समीक्षा की गई और नए वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई।
किसानों के लिए खेत तालाब योजना
भूमि संरक्षण अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत ‘पर ड्राप मोर क्रॉप’ योजना से जुड़े इस अभियान में खेतों में वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए 50 लघु तालाब बनाए जाएंगे। एक तालाब का आकार 22x20x3 मीटर निर्धारित है। इसके लिए किसानों को दो किस्तों में 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। अनुदान की धनराशि ₹52,500 डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में जाएगी।
कौन किसान होंगे पात्र
योजना में दो श्रेणियां बनाई गई हैं —
सामान्य श्रेणी: इसमें कुल भौतिक लक्ष्य का 60% हिस्सा रखा गया है। इसके अंतर्गत वे किसान पात्र होंगे, जिन्होंने पहले सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली नहीं लगाई है लेकिन अब तालाब के साथ यह प्रणाली लगाना चाहते हैं। ऐसे किसानों को अनुदान तभी मिलेगा जब वे उद्यान विभाग का त्रिपक्षीय अनुबंध प्रस्तुत करेंगे।
सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित श्रेणी: इसमें कुल लक्ष्य का 40% हिस्सा है। इसमें वही किसान पात्र होंगे, जिन्होंने आवेदन तिथि तक पिछले सात वर्षों में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित की हो और वह अभी चालू अवस्था में हो।
सूक्ष्म पम्पसेट पर भी अनुदान
इस योजना में सूक्ष्म पम्पसेट के लिए भी सहायता दी जाएगी। यदि कोई किसान खेत तालाब का निर्माण पूरा कर लेता है और पहले से सिंचाई प्रणाली लगा चुका है, तो उसे अधिकतम ₹15,000 तक 50% अनुदान दिया जाएगा।
बुकिंग की ऑनलाइन सुविधा
इच्छुक किसान ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर agridarshan.up.gov.in पोर्टल पर जाकर बुकिंग कर सकते हैं। अब तक 50 तालाबों के लक्ष्य में से 13 किसानों ने पंजीकरण कराया है। अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस योजना से जुड़ें और जल संरक्षण में योगदान दें।
विकास के लिए सभी विभाग तैयार
बैठक में मिट्टी की गुणवत्ता, भूमि की स्थिति, जल निकासी और विद्युत लाइनों की बाधाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट पूरी पारदर्शिता से शासन को भेजी जाएगी ताकि काम में कोई रुकावट न आए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आर जगत सांई, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वाई. के. राय, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
किसानों के लिए बड़ा अवसर
खेत तालाब योजना से किसानों को न सिर्फ जल संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि खेतों में सिंचाई की लागत भी घटेगी। जिले में छोटे तालाबों से वर्षा जल को रोककर खेती के लिए उपयोग करना कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि लक्ष्य समय से पूरा हो और ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ मिल सके।