जनता में बिजली कटौती से हाहाकार, सरकारी बंगले में जनरेटर चलाकर मजा ले रहे ‘सरकार’

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम के सभी नंबर ध्वस्त हो गए और ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण करने में सरकारी अफसर फेल रहे। क्षेत्र के लोगों में कई घंटों से बिजली गुल होने से त्राहि-त्राहि मची रही। बताते चलें कि
 

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चंदौली जिले में विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम के सभी नंबर ध्वस्त हो गए और ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण करने में सरकारी अफसर फेल रहे। क्षेत्र के लोगों में कई घंटों से बिजली गुल होने से त्राहि-त्राहि मची रही।

बताते चलें कि जनपद में आज विद्युत कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद जाने की समस्या को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा विद्युत की समस्याओं के लिए कंट्रोल नंबर स्थापित किए गए थे जोकि उपभोक्ताओं की समस्या का निराकरण न करने के कारण या तो फोन को बंद कर दिया गया या तो बिजी मोड में डाल कर समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है।

जिले के कई क्षेत्रों की कई घंटों से गुल बिजली से त्रस्त ग्रामीण हुए परेशान हो गए हैं और जिला प्रशासन द्वारा स्थापित कंट्रोल रूम के नंबर लगाने के बाद इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जनपद के सैयदराजा क्षेत्र की सुबह 10:00 बजे से बिजली सप्लाई बाधित है। सकलडीहा में 12:00 बजे से बिजली सप्लाई बाधित हैं। कमालपुर में 10:00 बजे से बिजली सप्लाई बाधित है । धानापुर में 11:00 बजे से बिजली सप्लाई बाधित है, वही चकिया व नौगढ़ में भी बिजली की समस्या बनी रही ।

इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का कोई भी सहयोग नहीं प्रदान किया जा रहा है, जिससे लोगों में त्राहि-त्राहि मची हुई है। वहीं कुछ क्षेत्रों में लाइट न होने के कारण पानी की भी समस्या बन गई है।

वहीं लोगों का कहना है कि जिले के जिलाधिकारी व एसपी साहब ही नहीं हमारे विधायक व सांसद अपने घरों में जनरेटर से मजा रहे हैं और जनता की समस्या सुनने व हल करने के लिए ऐसा नंबर दे रखा है जहां न तो फोन लग रहा है और लग भी रहा है तो सही जवाब नहीं मिल रहा है।

अब देखना है कि जनता की समस्या का समाधान जिला प्रशासन किन तरीकों से करती है और बिजली विभाग कब तक अपनी मांगों के लिए खड़ा रहता है।