हाईकोर्ट में सुनवाई के पहले नाले का मुआयना करने पहुंचे डीएम साहब व विधायकजी
 

स मामले में मार्च के महीने में हाईकोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई होने वाली है और इस मामले में जिलाधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना के क्रम में कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी हो सकता है।
 

जिला मुख्यालय के नाले पर वर्षों से है अतिक्रमण

हर साल किसानों के खेतों में होता है जल जमाव

व्यापारियों के कब्जे का हटाने के लिए नहीं होती कार्रवाई

90 लोगों ने कर रखा है कब्जा

 जिला प्रशासन पर जोर डालते हैं स्थानीय नेता


चंदौली जिले के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने जिला मुख्यालय की मुख्य मार्केट के पास से गुजरने वाले नाले में जल निकासी की समस्या को लेकर उच्च न्यायालय के आदेश की लगातार हो रही अवहेलना के मद्देनजर मार्च महीने में होने वाली सुनवाई के पहले शनिवार को नाले का निरीक्षण किया और उसके संभावित समाधान पर चर्चा की। इस दौरान वहां पर मुगलसराय के विधायक रमेश जायसवाल भी मौजूद रहे।

 बताया जा रहा है कि इस मामले में मार्च के महीने में हाईकोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई होने वाली है और इस मामले में जिलाधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना के क्रम में कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी हो सकता है। क्योंकि चंदौली जिले की इस समस्या के समाधान के लिए 2011 से ही हाईकोर्ट में मामला चल रहा है और वहां दिए गए निर्देश के क्रम में अभी तक केवल नगर पंचायत और संबंधित अधिकारियों के द्वारा केवल खानापूर्ति की गई है।

वहीं इस मामले पर मुगलसराय के विधायक रमेश जायसवाल का कहना है कि नगर की समस्या को देखते हुए सरकार और अन्य अधिकारियों से इस पर ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है। जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा ताकि नाले से स्थानीय किसानों को होने वाली परेशानी को दूर किया जा सके। साथ ही साथ नाले पर बरसों से मौजूद अतिक्रमण को भी हटाया जा सके।

आपको बता दें कि पिछले साल बीते गर्मी के महीने में नाले की सफाई हो रही थी तो चंदौली जिला अधिकारी संजीव कुमार को हाईकोर्ट का आदेश आया था, लेकिन लेकिन मुगलसराय विधायक रमेश जायसवाल के दबाव में आधा अधूरा सफाई का काम करके खानापूर्ति की गयी। आज एकबार फिर विधायकजी मौके पर आकर नाले की सफाई के लिए कह रहे हैं। चंद्रमोहन सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन से उनकी मांग है कि जो ठेकेदार नाले का सफाई करवाया है उसका पेमेंट काम पूरा होने तक रोका जाय। 

इस बारे में चंद्रमोहन सिंह ने कहा कि सन 2011 में उनके द्वारा एक जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में डाली गयी थी, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया कि किसी भी कीमत पर खेतों में होने वाले जलजमाव की समस्या को खत्म कराना है और जल निकासी के लिए काम करना है। अवैध अतिक्रमण करके इस नाले पर लगभग 90 दुकानें अवैध रूप से बनी हैं। इसीलिए जिस गति से पानी निकलना है, वह नहीं निकल पा रहा है।  

यह नाला 3 विभागों की लापरवही से किसानों की परेशानी का सबब बना हुआ है। पहला बंधी प्रखंड, दूसरा नगर पंचायत और तीसरा नेशनल हाईवे। तीनों को तलब करके जब तक जिलाधिकारी इसका हल नहीं कराएंगे तब तक इसका समाधान नहीं हो सकता है। इस मामले में चंदौली उप जिलाधिकारी 2019 में एक रिपोर्ट दी थी कि एनएचएआई द्वारा हाईवे के नाले की हाइट बढ़ाने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। आज तक नेशनल हाईवे के अफसर इस पर कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं। वहीं नगर पंचायत इसके लिए केवल सफाई का थोड़ा सा काम करके खानापूर्ति कर लेता है। वहीं बंधी प्रखंड का मामला होने के बाद भी वह कान में तेल डालकर बैठा है।