देखते रहिए डीएम साहब के दौरे का असर, कब पहुंचता है टेल तक सिंचाई का पानी
 

किसानों की शिकायत सुनने के बाद अधिशासी अभियंता चंद्रप्रभा को विभागीय दायित्व कायदे से देखने व कार्यशैली में सुधार करने हेतु कड़े निर्देश जारी किए।
 


बरहनी ब्लॉक में सिंचाई की समस्या का जाना हाल

टेल तक नहरों में पानी पहुंचाने का फरमान

देखिए कितना होता है डीएम के दौरे का असर

चंदौली जिले के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने ब्लॉक बरहनी के किसानों के साथ कंदवा के सिसौड़ा माइनर, सुढ़ना, असना के बीच जलालपुर माइनर एवं अगहर बीर बहुरिया नदी स्थित महुंजी पुलिया आसपास के क्षेत्र में भ्रमण कर टेल तक नहरों में पानी एवं सिंचाई की जानकारी ली एवं सम्बन्धित अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने बरहनी ब्लाक के किसानों के साथ टेल तक नहरों में पानी और सिंचाई की व्यवस्था का हाल देखने व सूखी माइनर देखकर अधिशासी अभियंता चंद्रप्रभा पर कड़ी नाराजगी जताते हुए निर्देशित किया कि तीव्रता से टेल तक नहरों में सिंचाई हेतु भरपूर पानी किसानों को खेत तक पहुंचाया जाए।

किसानों की शिकायत सुनने के बाद अधिशासी अभियंता चंद्रप्रभा को विभागीय दायित्व कायदे से देखने व कार्यशैली में सुधार करने हेतु कड़े निर्देश जारी किए। साथ ही कहा कि फील्ड में जाकर किसानों के समस्याओं का समाधान करें।  

कंदवा के सिसौडा माइनर, जलालपुर माइनर एवं आस-पास क्षेत्र के दर्जनों गांवों में सिंचाई विभाग से पानी देने हेतु किसानों ने मांग की। किसानों ने बताया कि सिंचाई के लिए जरूरत के अनुसार पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणजनों में आक्रोश है। उन्होंने कई मर्तबा नहर विभाग के अधिकारी कर्मचारियों से नहर से पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने की मांग की। लेकिन आज भी समस्या यथावत बनी हुई है। किसानों ने खेत के लिए आने वाली छोटी नहर में पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने की मांग की जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि हेड से टेल तक सिंचाई हेतु नहरों में पानी पहुंचाए इसके लिए निरंतर भ्रमण शील रहें।

उसके अलावा अधिशासी अभियंता विद्युत सकलडीहा डिवीजन को पर्याप्त विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश देते हुए कहा कि शिकायतों को जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उमस भरी गर्मी और खेती-किसानी के मौसम में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति की जाए। कहीं भी अनावश्यक कटौती न हो।

सिंचाई एवं विद्युत विभाग के अधिकारी किसानों से समन्वय बनाकर मिलने के लिए एक समय नियत करें और स्थानीय किसानों से लगातार संवाद बनाए रखें । उनकी अपेक्षाओं, आवश्यकताओं को समझें और यथोचित निराकरण कराएं।