डॉक्टरों की लापरवाही पर DM चंद्र मोहन गर्ग बोले- CHC-PHC पर सुधारों..वरना जाना होगा जेल

चंदौली कलेक्ट्रेट में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान डीएम चंद्र मोहन गर्ग ने खराब प्रदर्शन करने वाले एमओआईसी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया। स्वास्थ्य सुविधाओं में पारदर्शिता और चिकित्सकों की उपस्थिति पर सख्त अल्टीमेटम दिया गया है।

 
 

बरहनी और शहाबगंज पीएचसी प्रभारियों को नोटिस

सीएचसी-पीएचसी पर डॉक्टरों की नियमित उपस्थिति अनिवार्य

नवजात शिशुओं को डिस्चार्ज से पहले जन्म प्रमाण पत्र

आयुष्मान भारत और जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा

अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता और स्वच्छता पर जोर

 चंदौली जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने और प्रदेश स्तर की रैंकिंग में सुधार के लिए जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने कड़ा रुख अपनाया है। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की शासी निकाय और जिला पोषण समिति की बैठक के दौरान डीएम ने खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

लापरवाह एमओआईसी पर गिरी गाज
बैठक के दौरान जब स्वास्थ्य केंद्रों की प्रगति रिपोर्ट पेश की गई, तो बरहनी और शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) की स्थिति बेहद चिंताजनक पाई गई। पूर्व सूचना के बावजूद कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर इन केंद्रों की प्रगति शून्य या बेहद कम थी। इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) डॉ. वाई.के. राय को निर्देशित किया कि बरहनी और शहाबगंज के मेडिकल ऑफिसर इन-चार्ज (MOIC) को तत्काल 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया जाए।

रैंकिंग सुधारने के लिए दिए कड़े निर्देश
जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की रैंकिंग बेहतर बनाए रखने के लिए सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करना होगा। उन्होंने कहा कि "जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं आम नागरिक को शासन की मंशा के अनुरूप सुलभता से मिलनी चाहिए।" उन्होंने चेतावनी दी कि सीएचसी और पीएचसी पर कार्य में शिथिलता बरतने वालों के खिलाफ अब सीधी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

चिकित्सकों की उपस्थिति और स्वच्छता पर जोर
डीएम ने बैठक में निर्देश दिया कि सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य पैरामेडिकल कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। बायोमेट्रिक या रजिस्टर उपस्थिति में किसी भी तरह की धांधली मिलने पर जवाबदेही तय होगी। इसके अलावा, उन्होंने अस्पताल परिसरों में संतोषजनक स्वच्छता और शौचालयों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा।

सरकारी योजनाओं की हुई गहन समीक्षा
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान भारत, मिशन इंद्रधनुष, टीकाकरण अभियान और परिवार नियोजन कार्यक्रमों की प्रगति का मूल्यांकन किया गया। जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि इन योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पूरी पारदर्शिता के साथ पहुंचे। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि सभी स्वास्थ्य इकाइयों में आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक हर समय उपलब्ध रहे।

एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सीएचसी/पीएचसी से डिस्चार्ज होने से पहले नवजात शिशुओं का शत-प्रतिशत जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए। इसके साथ ही टीबी (TB) मरीजों की देखभाल और उनके पोषण भत्ते की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सक्रिय रहने के लिए कहा गया।

इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) आर जगत साईं, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वाई के राय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सहित सभी सीएचसी/पीएचसी के चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे। डीएम के इस कड़े रुख से स्वास्थ्य विभाग के महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।